जबलपुर। वैसे तो प्रकृति के हर प्राणी का अपना महत्व और आवश्यकता है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे जीव के बारे में बता रहे हैं जो देखने में भले ही अजीब लगे लेकिन इसकी खाल से बुलेट प्रुफ जैकेट तक बनाई जाती है। विशेषज्ञ इसका इस्तेमाल दवाईयां बनाने के लिए भी करते हैं...
- पैंगोलिन की खाल की दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में भारी डिमांड है। इसकी परतदार खाल का इस्तेमाल शक्ति वर्धक दवाइयों, ड्रग्स, बुलट प्रूफ जैकेट, कपड़े और सजावट के सामान के लिए किया जाता है।
- ज्यादा डिमांड के चलते इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है। विभिन्न दवाओं और उपयोगी चीजों के लिए इसका उपयोग पुरातन काल से किया जाता रहा है।
- रुपयों के लालच में पैंगोलिन की तस्करी भी बढ़ गई है। जंगलों में इनका दिखना भी लगभग दुर्लभ ही है। इसे देखते हुए अब पैंगोलिन के संरक्षण के लिए विशेष दलों का गठन भी किया गया है।
- पैंगोलिन को डायनासोर का वंशज माना जाता है, क्योंकि उसके हड्डियों की बनावट और आकार डायनासोर से मिलता है।
दुनियाभर में पैंगोलिन की सात प्रजातियां पायी जाती हैं।
- ये वनों में पाये जाते हैं और आकर में छोटे होते हैं। पिछला पैर अगले पैर की तुलना में बड़ा और मोटा होता है। इसके दांत नहीं होते। यह जीभ से ही शिकार करता है। इसके जीभ करीब 25 सेंटीमीटर तक होती है और वह आसानी से अपने शिकार को अपनी जीभ पर चिपका लेता है।
- सिवनी, मंडला, कटनी, अमरकंटक के जंगलों में भी ये पाया जाता है। इन्हीं क्षेत्रों से कई बार तस्करी करते हुए आरोपियों को हिरासत में लिया जा चुका है।