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जबलपुर। जिला अदालत में न्यायाधीश सीताशरण यादव की अदालत ने चेक बाउंस के मामले में दोष सिद्ध पाकर ग्राम डोभी, थाना शहपुरा, जिला डिंडौरी निवासी राजेश कुमार गुप्ता को छह माह के कारावास की सजा सुनाई। आदेश में यह भी कहा गया कि प्रतिकर राशि 77 हजार रुपये नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित भुगतान की जाए। ऐसा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास होगा। परिवादी जबलपुर निवासी जेसी चौपड़ा, रूपेश रजक की ओर से पक्ष रखा गया। बताया गया कि आराेपी राजेश कुमार गुप्ता ने परिवादियों की एजेंसी को चेक जारी किया था। चेक बाउंस हो गया। अदालत ने दोष सिद्ध पाकर छह माह के कारावास की सजा सुना दी।
अर्जित अवकाश मामले में महिला कर्मी को राहत
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने अर्जित अवकाश से जुड़े एक मामले में महिला कर्मचारी को राहत प्रदान की है। एकलपीठ ने आदेश दिए कि याचिकाकर्ता की 391 दिन की सेवा अवधि को विभाग अवकाश में समाहित करे। यह प्रक्रिया 30 दिन में पूरी करनी होगी।
नर्मदापुरम निवासी ऊषा विनोदिया की ओर से अधिवक्ता अजय रायजादा ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 में याचिकाकर्ता सहायक परियोजना अधिकारी के रूप में पदस्थ थीं। उन्होंने राज्य शासन के 1997 के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसके द्वारा 391 दिन की सेवा अवधि को अवैतनिक कर दिया गया था। याचिकाकर्ता को 1992 में पचमढ़ी से भीमपुर स्थानांतरित कर दिया गया।
आदेश में स्वयं के व्यय से लिखा था। राज्य प्रशासनिक अधिकरण ने आदेश को निरस्त कर दिया था। याचिकाकर्ता ने पूर्व पद पर ज्वाइनिंग दी तो 82 दिन की अवधि को अर्जित अवकाश माना गया और 28 अक्टूबर 1992 से 21 नवंबर 1993 की अवधि को अवैतनिक माना गया। इसी को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
Published on:
09 Apr 2024 06:56 pm
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