मझगवां में चौकीदार की हत्या में बेटा निकला आरोपी
आरोपी की पत्नी व मां ने शव को ठिकाने लगाने में की थी मदद
इस तरह हुआ खुलासा
टीआई अन्नीलाल सैय्याम ने बताया कि इस हत्याकांड में मोहल्ले वालों से पूछताछ में क्लू मिला था कि पिता-पुत्र में बनती नहीं थी। तीनों के परस्पर विरोधी बयान से भी संदेह हुआ। मृतक राममिलन कोल के बेटे शिवराम कोल को पूछताछ के लिए उठाया गया, तो हत्या की परतें खुलीं। आरोपी शिवराम कोल ने बताया कि वह आठवीं तक पढ़ा है। शादी होने के बाद भी पिता अक्सर उसे मारते-पीटते थे। पैसे मांगने पर गाली-गलौज करते थे। 18 अगस्त को वह शराब पीने जा रहा था। रास्ते में पिता राममिलन कोल ने उसे देख लिया। उसे दो-तीन थप्पड़ मार दिया और पकड़ कर घर ले गया। उस समय घर में उसकी मां मिथिला बाई थी। पत्नी कामनी बाहर गई थी। राममिलन बाथरूम में हाथ-मुंह धो रहे थे। तभी शिवराम ने सिर पर डंडा मारा और फिर रस्सी से गला घोट दिया। चीख सुनकर मिथिला बाई पहुंची और बेटे को अलग किया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
रात में तलाश करने का किया नाटक
हत्या के बाद मिथिला बाई पति की फैक्ट्री पहुंची। वहां उनके बारे में पूछताछ की और बताया कि वे घर नहीं पहुंचे। रात में भी वे तलाश करने का नाटक करते रहे। रात दो बजे शव ठिकाने लगाने के अगले दिन 19 अगस्त को गुमशुदगी दर्ज कराई थी।