scriptउपेक्षा का दर्द अब बढ़ता जा रहा, जिन्हें कुछ करना है, वे सुन ही नहीं रहे | spill pain of Organizations over neglect of Jabalpur in MP cabinet | Patrika News

उपेक्षा का दर्द अब बढ़ता जा रहा, जिन्हें कुछ करना है, वे सुन ही नहीं रहे

locationजबलपुरPublished: Jan 12, 2021 08:36:33 pm

Submitted by:

shyam bihari

मप्र मंत्रिमंडल में जबलपुर की उपेक्षा पर अब संगठनों को छलका दर्द
 
 

जबलपुर। मप्र के मंत्रिमंडल में महाकोशल व जबलपुर की उपेक्षा पर शहवासियों का दर्द छलक रहा है। शहर की विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक संस्थाओं सहित विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम एक सप्ताह में 50 से ज्यादा पत्र लिखे हैं। पत्र में सभी ने एक स्वर में जबलपुर व महाकोशल की उपेक्षा पर नाराजगी जताई है। कुछ संस्थाओं ने इस मामले में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी पत्र लिखकर मंत्रिमंडल का विस्तार करने की मांग की है। प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार में भी महाकोशल व जबलपुर को स्थान नहीं मिला है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक अजय विश्नोई ट्वीट कर खुलकर विरोध जता चुके हैं।
इन संस्थाओं ने लिखे पत्र
महाकोशल की उपेक्षा पर सोमवार को हिंदू जागरण मंच के अध्यक्ष संजय गुप्ता, संस्कारधानी ब्राम्हण मंच महानगर के गोविंद बिल्थरे व राजनीश तिवारी ने मुख्यमंत्री के साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर महाकोशल के साथ दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। इसके अलावा समर्पण महिला बाल कल्याण समिति की आशिमा पटेल, मध्यप्रदेश चिकित्सा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष वीरेन्द्र तिवारी, मध्यप्रदेश आईटीआई तकनीकि कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रशांत सोंधिया, नरेश शुक्ला, स्वदेश जैन, ललित डेहरिया, अंजनी द्विवेदी, रघुवीर बरकड़े, विकलांग विकास एवं कल्याण संघ की अध्यक्ष श्रद्धा तिवारी, नेमा युवक संघ के अध्यक्ष राकेश नेमा, नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम संगठन के तरुण पंचोली, मनीष चौबे, दीपक पटेल, केके प्रजापति, मनीष लोहिया, विश्व ब्राम्हण संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमत्री को पत्र लिखकर मंत्रिमंडल में महकोशल की उपेक्षा को यहां की जनता का अपमान बताया।

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