
जबलपुर. शहर से ट्रेनों और हवाई जहाज का संचालन शुरू हो गया है, लेकिन बसें बंद होने से शहर सहित आसपास के जिलों में जाना मुश्किल हो रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी नागपुर और रायपुर आने-जाने वाले यात्रियों को रही है। यात्रियों को मजबूरन टैक्सी से सफर करना पड़ता है। इससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है।
इन शहरों के लोग भी परेशान
मंडला से बड़ी संख्या में मजदूर काम की तलाश में शहर आते हैं। मंडला-जबलपुर के बीच रेलमार्ग नहीं होने के कारण बस ही एकमात्र साधन है। दमोह और सागर से भी प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग जबलपुर आते हैं। बसें बंद होने से वे भी फंसे हुए हैं। इसके अलावा शहर से प्रतिदिन कई लोग इलाज के लिए बसों से ही नागपुर जाते हैं। इसका फायदा निजी टैक्सी संचालक उठा रहे हैं। वे यात्रियों से दो से तीन गुना अधिक किराया वसूल रहे हैं।
प्रदेश शासन के निर्देश के बाद बसों के संचालन के प्रयास किए जाएंगे। सभी रूटों पर बसों के संचालन के भी प्रयास करेंगे।
संतोष पॉल, आरटीओ
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फाइनेंस कम्पनी में काम करते हैं। बसों से दमोह, सागर आना-जाना होता है। बसें नहीं चलने से बाइक या अन्य साधनों से जाते हैं। इससे आर्थिक नुकसान हो रहा है।
आदित्य श्रीवास्तव, अप-डाउनर
बैंक के काम से अक्सर बाहर जाना पड़ता है। बसें बंद होने से टैक्सी से जाते हैं। टैक्सी संचालक अधिक किराया ले रहे हैं।
रोहित पिल्लई, बैंक कर्मचार
ये है स्थिति
- 800 बसों का शहर से होता है संचालन
- 100 बसें शहर से गुजरती हैं
- 45000 यात्री प्रतिदिन करते हैं सफर
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मुख्य रूट : नागपुर, सागर, छिंदवाड़ा, दमोह, सिवनी, अमरकंटक, डिंडोरी, शहपुरा, मंडला, रायपुर, बालाघाट।
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छोटे रूट : जबलपुर-सिहोरा, जबलपुर-डिंडोरी, जबलपुर-कुंडम, मझगवां-सिहोरा, मझौली-सिहोरा, चरगवां-जबलपुर, पाटन -जबलपुर, कटंगी-जबलपुर समेत अन्य रूट।
इन्हें हो रही परेशानी : अप-डाउनर्स, व्यापारी, व्यवसायी, श्रमिक, मरीज और अन्य।
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Published on:
03 Jun 2020 09:25 pm
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