
यूपी में प्राचीन शहरों का नाम बदलने की आंच एमपी पहुंच गई है। अब मध्य प्रदेश के प्राचीन शहर और संस्कारधानी का नाम बदलने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इसके तहत जबलपुर नगर निगम की मेयर काउंसिल ने प्रस्ताव पास कर दिया है। साथ ही मेयर अब सीएम मोहन यादव से मिलकर शहर का नाम बदलने की कार्यवाही आगे बढ़ाने की मांग करेंगे।
मेयर काउंसिल की बैठक में बड़ा फैसला
नगर निगम जबलपुर के मेयर काउंसिल की बैठक हुई। इसमें जबलपुर शहर के नाम पर बड़ा फैसला हुआ। मेयर काउंसिल ने प्रस्ताव पास किया कि जबलपुर का नाम ऋषि जाबालि के नाम पर जाबालिपुरम करने के लिए सरकार से रिक्वेस्ट की जाए।
जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने मीडिया से कहा कि जबलपुर का नाम विशेष महत्व नहीं रखता है, लेकिन यह भूमि नर्मदा नदी के किनारे जाबालि ऋषि की तपोभूमि रही है। इसलिए इसका नाम जबलपुर की जगह जाबालिपुरम होना चाहिए। इस संबंध में मेयर काउंसिल की बैठक में फैसला लिया गया है। अब वे मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलकर शहर का नाम बदलने का अनुरोध करेंगे।
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार जबलपुर का पुराना नाम ऋषि जाबालि के नाम पर 'जाबालिपुरम' ही था। यहीं नर्मदा का तट ऋषि जाबालि की कर्मभूमि थे, जिसके नाम पर शहर का नाम जाबालिपुरम् पड़ा। लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर जबलपुर कर दिया गया। मान्यता है कि भगवान राम को वनवास छोड़कर अयोध्या लौटने का आग्रह करने जब भरत आ रहे थे, तब ऋषि जाबालि भी उनके साथ थे। किंवदंती के अनुसार अयोध्या राजपरिवार में ऋषि जाबालि राजा दशरथ के मंत्री थे।
जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने बताया कि वे शहर का पुराना नाम वापस दिलाने के लिए जल्द ही मेयर काउंसिल से पास प्रस्ताव लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात करेंगे। साथ ही इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की मांग करेंगे।
Published on:
30 Mar 2024 05:59 pm
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