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जबलपुर, इस बार नवरात्र मेंं लोगों में भक्ति के साथ धर्म ज्ञान के प्राप्ति की रूझान बढ़ गई है। कोरोना के संक्रमण और कफ्र्यू के दौरान पुरोहितों अपने-अपने घरों में हैं। जबकि , भगवती के भक्तों को अपने घर के अंदर भक्ति का पूरा अवसर मिला है। इन दिनों ज्यादातर लोग धार्मिक ग्रंथों का ऑनलाइन अध्ययन कर रहे हैं। लोग अपने शुभचिंतकों को धर्म ग्रंथों का पीडीएफ भी भेज रहे हैं।
नवरात्र में घरों में लोग स्वयं ही श्रीराम चरित मानस, श्रीमद् देवी भागवत का पाठ कर रहे हैं। संस्कृति के श्लोक पढऩे में जिन लोगों को त्रुटियां होने का जोखिम है, एेसे लोग हिन्दी अनुवाद ही पढ़ रहे हैं। नवरात्र में भक्ति करने में सोशल मीडिया भी उपयोगी साबित हो रहा है। जागरूक लोग शक्ति उपासना के गं्रंथों के साथ वेद और गीता का पीडीएफ भेज रहे हैं। वहीं घरों में वीडियों के माध्यम से प्रवचन और भजन सुनने वालों की संख्या बढ़ गई है। ज्योतिर्विद जनार्दन शुक्ला के अनुसार नवरात्र में लोगों के पास अवसर है, लोगों के धर्म ज्ञान प्राप्त करने की जिज्ञासा बढ़ी है। कुछ यजमान तो पूछ रहे हैं कि कौन-कौन से ग्रंथों का अध्ययन किया जा सकता है।
पंचमी को भगवती का विशेष श्रृंगार, लगाया गया खीर का भोग
नवरात्र पंचमी रविवार को आदि शक्ति के स्कंदमाता स्वरूप की उपासना की गई। श्रद्धालुओं ने पंचमी को भगवती का विशेष श्रृंगार किया और खीर का भोग एवं आहुति देकर कल्याण की प्रार्थना की। सोमवार षष्टी तिथि को कात्यायनी स्वरूप की साधना की जाएगी।
व्यक्तिगत साधना ही श्रेष्ठ
स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी के अनुसार ध्यान, उपासना, साधना, चिंतन अंत:करण का विषय है। कोरोना की विषम स्थिति में भक्तों को भगवान के प्रति आस्था प्रकट करने का अवसर प्राप्त हुआ है। इन दिन मनसा संकल्प के साथ पूजा करनी चाहिए। भक्त के मन में संकल्प हो गया तो हृदय स्वरूपी मंंदिर में भगवती विराजमान होंगी। लोग स्वयं ही धार्मिक ग्रंथों का पाठ कर रहे हैं और परिवार के लोग सुन रहे हैं। यह अच्छा प्रयास है। धर्म ज्ञान के बिना जीवन को सही दिशा नहीं मिल सकती।
Published on:
30 Mar 2020 08:00 am
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