
E-Library
जिले के कॉलेजों में ई-लाइब्रेरी तैयार करने पर नहीं दिया जा रहा जोर
जबलपुर.
उच्च शिक्षा विभाग पढ़ाई की दोहरी व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए ई-कंटेंट पर जोर दिया जा रहा है। वहीं कॉलेजों में ई-लाइब्रेरी कमजोर है। बड़े कालेजों को छोड़ दिया जाए तो जिले के अधिकांश कॉलेजों में ई-लाइब्रेरी नहीं है। ई-लाइब्रेरी तैयार करने के लिए 8 करोड़ की राशि 265 कॉलेजों को दी गई है। हर कॉलेज को करीब 3 लाख की राशि से कम्प्यूटर, प्रिंटर आदि सामग्री खरीदी जानी है।
ये है ई-लाइब्रेरी
. ई-लाइब्रेरी के माध्यम से हम 365 दिन और 24 घंटे इसका उपयोग कर सकते हैं। ई-लाइब्रेरी का अर्थ एक ऐसी लाइब्रेरी से है, जहां पर डिजिटल रूप से सूचना और अध्ययन सामग्री का संग्रह किया जाता है। इस लाइब्रेरी में इंटरनेट कनेक्शन के द्वारा कंप्यूटर, मोबाइल के माध्यम से देश के किसी भी हिस्से में बैठकर अपने अनुसार अध्ययन सामग्री को प्राप्त कर सकते हैं।
ई-मटेरियल ही नहीं आया
नई शिक्षा नीति की तहत नए इलेक्टिव सब्जेक्ट भी स्नातक स्तर पर शुरू किए गए हैं। इसे लेकर नए विषयों के ई-कंटेंट भी तैयार किए गए हैं लेकिन यह कंटेट अभी तक ऑनलाइन प्लेटफार्म पर ही नहीं आ सके हैं। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 20 से अधिक विषयों के ई- कंटेट का निर्माण विषय विशेषज्ञों के माध्यम से किया गया है। स्नातक स्तर की किताबों के ई-कंटेट अभी तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
तकनीकी स्टाफ ही नहीं
उच्च शिक्षा विभाग ई -लाइब्रेरी के निर्माण पर जोर दे रहा हो लेकिन हकीकत यह है कि कॉलेजों में तकनीकी स्टॉफ नहीं है। केवल एक लाइब्रेरियन के भरोसे लाइब्रेरी का संचालन किया जा रहा है। ऐसे में ई-लायब्रेरी का संचालन दूसरी ओर ई-लाइब्रेरी संचालन के लिए कॉलेजों में टेक्निकल स्टाफ ही उपलब्ध नहीं है। शासकीय मानकुंवर बाई कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में केवल एक लाइब्रेरियन उपलब्ध हैं। शासकीय महाकोशल कॉलेज में भी ऐसी ही िस्थति है।
शासकीय पाटन कॉलेज, शासकीय कुंडम कॉलेज, शासकीय कॉलेज मझौली, शासकीय विष्णु दत्त कॉलेज सिहोरा, शासकीय बन्नी लाल पाठक कॉलेज बरेला, शासकीय श्याम सुंदर अग्रवाल कॉलेज सिहोरा, शासकीय कन्या रांझी, गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज पनागर जैसे कॉलेजों स्थिति दयनीय है।यहां लाइब्रेरी के नाम पर केवल सिस्टम रखे हुए हैं।
वर्जन
ई-लाइब्रेरी के लिए आवश्यक इंफ्रास्टक्चर तैयार किया गया है। इसके लिए आवय राशि स्वीकृत की गई है। स्नातक पाठयक्रमों औरइलेक्टिव विषयों का ई-कंटेट उपलब्ध नहीं है। ई-लाइब्रेरी के लिए तकनीकी स्टॉफ की कमी है।
-डॉ. रजनी शर्मा, लाइब्रेरियन, शा.मानकुंवरबाई कॉलेज
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-ई-लाइब्रेरी का निर्माण करने के निर्देश कॉलेजों को दिए गए हैं। इस संबंध में क्या तैयारी अब तक हुई है इसकी जानकारी मंगाई जा रही है। जो दी दिक्कतें आ रही हैं उनका निदान कराने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
-डॉ. धीरेंद्र शुक्ल, ओएसडी उच्च शिक्षा विभाग
Published on:
30 Jan 2023 10:56 pm
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