नगर निगम के बड़े मासिक खर्चे
– 08 करोड़ रुपए वेतन भुगतान पर
– 03 करोड़ रुपए आउटसोर्स पर
– 04 करोड़ रुपए बिजली बिल में
– 05 करोड़ जलापूर्ति पर
– 03 करोड़ डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण पर
– 01 करोड़ रुपए वाहनों के ईंधन पर
– 25 करोड़ रुपए है निगम का मासिक खर्च
निगम की आय
– 50-55 लाख रुपए कर व अन्य मदों से
– 4-5 करोड़ रुपए सड़क अनुरक्षण में आते हैं मासिक
जबलपुर। लम्बे समय से जबलपुर शहर की कई सड़कें बदहाल हैं। कई इलाकों में स्ट्रीट लाइट नहीं सुधरी। जलभराव वाले इलाकों में ड्रेनेज सिस्टम की मरम्मत नहीं हुई। एक साल से नगर निगम के संचालन का जिम्मा प्रशासन के हाथों में है। इस अवधि में छुटपुट काम के लिए भी जिम्मेदार फं ड की कमी का बहाना कर रहे हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार के बजट में निगम को मिलने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति राशि का अतिरिक्त डोज दिए जाने से वित्तीय स्थिति बदलने की उम्मीद की जा रही है। हालांकि विपक्ष इसे चुनावी साल का लोक लुभावन प्रावधान बता रहा है। उनका कहना है कि कोरोना काल में शहरवासियों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा, उस दौरान प्रदेश सरकार ने चुंगी क्षतिपूर्ति राशि में कटौती की। निगम का मासिक खर्च करीब 25 करोड़ रुपए है। इसमें से निगम को 14 करोड़ रुपए मासिक चुंगी क्षतिपूर्ति राशि मिलती थी।
प्रदेश के बजट में चुंगी क्षतिपूर्ति के लिए सरकार ने 560 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस हिसाब से जबलपुर नगर निगम को दस करोड़ रुपए अधिक मासिक चुंगी क्षतिपूर्ति राशि मिलने का अनुमान है। नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेश सोनकर का कहना है कि कोरोना संकट के कारण एक साल से निगम की वित्तीय स्थिति डावांडोल है। सड़कों और स्ट्रीट लाइट की भी मरम्मत नहीं हो पा रही है। मई-जून में चुंगी क्षतिपूर्ति राशि नहीं मिली। चुनाव करीब होने के कारण चुंगी क्षतिपूर्ति राशि बढ़ाने का प्रावधान कर जनता को लुभाने की कवायद की जा रही है। नगर निगम के अपर आयुक्त वित्त महेश कोरी ने कहा कि चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि में बढ़ोतरी होती है तो नगर निगम की वित्तीय स्थिति सुधरेगी। देनदारियां काफी ज्यादा हैं इनके भुगतान के लिए बड़े फं ड की आवश्यकता होगी।