इस साल इंजीनियरिंग कॉलेजों की नए सिरे से फीस हो सकती है फिक्स
एएफआरसी ने शुरू की प्रक्रिया, बैलेंस सीट अनिवार्य करने से दहशत में कॉलेज, गुणवत्ता सुधारने की दिशा में प्रयास, 30 तक मांगे आवेदन

फैक्ट फाइल
जिले की स्थिति
-16 इंजीनियरिंग कॉलेज
-01 शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज
-02 पॉलीटेक्निक कॉलेज
-8000 छात्र हर साल पॉस आउट
-30 से 35 हजार न्यूनतम फीस
-70 हजार अधिकत्तम फीस
प्रदेश की स्थिति
-150 इंजीनियरिंग कॉलेज
-30000 न्यूनतम सालाना फीस
-1.10 लाख अधिकत्तम सालाना फीस
-56000 इंजीनियरिंग की सीटें
-2021 से 24 की फीस होगी तय
मयंक साहू @जबलपुर.
इंजीनियरिंग कॉलेजों की फीस नए सिरे से तय करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। कॉलेजों की फीस संस्थान में उपलब्ध इंफ्र ास्ट्रक्चर से लेकर पढ़ाई की गुणवत्ता आदि को परखने के आधार पर ही की जाएगी। अब बिना सुविधाओं के कॉलेज फीस भी नहीं बढ़ा सकेंगे वरना प्रक्रिया से ही बाहर हो जाएंगे। एडमिशन एंड फीस रेगुलेशन कमेटी (एएफआरसी) ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस बार कॉलेजों को अपनी बैलेंस सीट को भी दिखाना होगा। इसके आधार पर ही कॉलेजों की फीस को तय किया जाएगा। यदि बैलेंस सीट नहीं दी जाती है तो एेसे कॉलेजों की फीस पर कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा। बताया जाता है कॉलेजों में फीस को लेकर एकरूपता न होने के कारण भी कई बार छात्र-छात्राओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
निर्णय से बढ़ेगी कॉलेजों में गुणवत्ता
इंजीनियरिंग फील्ड एक्सपर्ट , डॉयरेक्टर ज्ञान गंगा इंजीनियरिंग कॉलेज डॉ.पंकज गोयल का मानना है कि इस निर्णय से कॉलेजों की गुणवत्ता में वृद्धि करने की सभी पर जवाबदारी होगी। एएफआरसी ने इंजीनियरिंग कॉलेजों की आगामी तीन सत्र की फीस निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लंबे समय बाद नए सिरे फीस तय होगी। अब केवल गुणवत्ता के आधार ही एआईसीटीई, एएफआरसी फीस का आंकलन करेगा जिसका फायदा छात्रों को मिलेगा। ंसलर जेईसी डॉ.प्रशांत जैन कहते हैं कि यह निर्णय तकनीकी और एकदमिक दृष्टि से महात्वपूर्ण है। इससे कॉलेजों की स्थिति में सुधार होगा। कालेजों को बैलेंस सीट देनी होगी। 30 अप्रैल तक आवेदन के बाद कोई सुनवाई नहीं होगी।
काउंसलिंग में भी नहीं हो सकेंगे शामिल
जानकारों के अनुसार फीस तय करने के लिए कॉलेजों को अपनी बैलेंस सीट बतानी अब अनिवार्य होगी। यदि कॉलेज इसे नहीं दिखाते है तो उनकी फीस पर कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा साथ ही उन्हें काउंसलिंग में भी शामिल नहीं किया जाएगा। एेसे में उक्त कॉलेज छात्रों को प्रवेश नहीं दे सकेंगे। इस बार एआईसीटीई ने सख्त रूख अपनाया है। फीस कमेटी द्वारा आगामी तीन सत्र 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 की फीस निर्धारित की जानी है।
कॉलेजों में हडक़ंप की स्थिति
एआईसीटीई के नए प्रावधान से कई इंजीनियरिंग कॉलेजों में हडक़ंप की स्थिति है। जिसकी एक वजह अभी तक कॉलेज अपनी बैलेंस शीट में कोई बदलाव नहीं करते थे कमजोरियों को छुपाते हुए फीस में बिना परिवर्तन किए ही पूर्व की तरह निर्धारित करवा लेते थे। लेकिन अब एेसा नहीं चलेगा। यदि कॉलेज की बैलेंस शीट में अंतर आता है तो कॉलेजों की फीस में कोई बढ़ोत्तरी तो नहीं की जाएगी वरन खरा न उतरने पर उल्टा कॉलेजों को प्रवेश प्रक्रिया से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। अब हर कॉलेज को बैलेंस सीट को तैयार करवाना होगा और इसे ऑडिट कराने के बाद विभाग को भेजना भी होगा।
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