24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ड्यूटी पर ‘जिम्मेदारी’ उतारकर सो जाती है पुलिस : देखें वीडियो

रात 9 बजे ही प्रीपेड बूथ सेंटर हो जाता है बंद, जिम्मेदारों के दावों की खुली पोल, दोगुने से भी ज्यादा किराया वसूल रहे ऑटो चालक  

4 min read
Google source verification
traffic police sleeping while on duty

traffic police sleeping while on duty

गौरव दुबे @ जबलपुर

शहर के मुख्य रेलवे स्टेशन पर ऑटो चालकों की मनमानी पर अंकुश लगाने और मुसाफिरों की सुविधा के लिए प्लेटफार्म एक और छह पर यातायात पुलिस द्वारा ये प्रीपेड बूथ लगाए गए हैं। यातायात पुलिस के अधिकारियों का दावा है कि यह सुविधा २४ घंटे उपलब्ध है, हालांकि जब पत्रिका एक्सपोज रिपोर्टर इन दावों की हकीकत जानने के लिए शनिवार रात मुख्य रेलवे स्टेशन के बाहर पहुंचा तो ड्यूटी पर तैनात जवान चादर तानकर सोते मिले। पढि़ए एक्सपोज की नाइट ञ्च रिपोर्ट।

एक्सपोज रिपोर्टर,जबलपुर
भैया कहां छोडऩा है हमे बताओ, प्री-पेड बूथ के चक्कर मत काटो, परेशान होने की जरुरत नहीं, क्योकि रात ९ बजे ही प्री-पेड बूथ बंद हो जाता है...अंदर तो पुलिस सिर्फ सोती है। ये कहना है प्लेटफार्म एक के बाहर खड़े ऑटो चालकों का। रात के समय यातायात द्वारा संचालित उक्त व्यवस्था बेपटरी हो जाती है। जिससे यात्रियों को गंतव्य स्थल तक पहुंचने के लिए ऑटो चालकों की मनमानी का शिकार होना पड़ रहा है। आलम यह है कि रात के समय प्री-पेड बूथ बंद होने की वजह से मुसाफिरों को तीन से चार गुना किराया देना पड़ता है।

सुबह खुलता है सेंटर
नाइट रिपोर्टिंग के दौरान प्लेटफार्म १ और ६ की तरफ बना प्री-पेड बूथ बंद मिला। बूथ के समीप बैठे ऑटो चालकों ने बताया कि प्री-पेड बूथ की सेवा लेनी है तो सुबह तक का इंतजार करना पड़ेगा। प्लेटफार्म १ के बाहर बने प्री-पेड बूथ के संबंध में चालकों का कहना था रात ९ बजे प्री-पेड बूथ बंद कर दिया जाता है। इसी तरह प्लेटफार्म ६ के बाहर भी मौजूद लोगों ने बताया कि रात में यात्रियों को प्री-पेड बूथ सेवा नहीं मिलती।

ऑफ दी रिकॉर्ड
जानकारों का कहना है कि रात में तैनात होने वाले यातायात कर्मियों और ऑटो चालकों में साठगांठ हो गई है। इन लोगों ने मिलकर नई व्यवस्था बना ली है। रात में प्री-पेड बूथ सेंटर बंद करके अप्रत्यक्ष रूप से मनमानी करने की छूट ऑटो चालकों को दे दी जाती है। उपरी कमाई का कुछ प्रतिशत रात में तैनात होने वाले कर्मियों तक पहुंचाया जाता है। यही कारण है कि रात में प्री-पेड बूथ सेंटर की बत्ती बंद कर पुलिस कर्मी सो जाते हैं।

एेसे मिले हालात
प्लेटफार्म 1 का प्री-पेड बूथ
रात 12.30 बजे प्री-पेड बूथ सेंटर बंद मिला । प्री-पेड बूथ सेंटर के अंदर लाइट बंद थी और पर्दे लगे थे। सेंटर के बाहर दो बाइक खड़ी थी। एमपी 20 एनजी 7524 की नंबर प्लेट पर पुलिस का चिह्न बना था। इसके साथ ही वहां एक बाइक और थी। बूथ के अन्दर ट्रैफिककर्मी कूलर की हवा में सो रहा था। वर्दी वहां बने काउंटर पर रखी थी। इस दौरान कई बार कर्मी को उठाने के लिए आवाज लगाई, लेकिन वह नहीं उठा।

प्लेटफार्म 6 का प्री-पेड बूथ
रात 1.10 बजे प्री-पेड बूथ सेंटर की लाइट बंद थी। समीप बैठे युवकों से बूथ के खुलने का समय पूछा जानकारी मिली कि बूथ सुबह खुलेगा। युवकों का कहना था कि रात में बूथ बंद कर दिया जाता है, हालांकि ट्रैफिक पुलिस का एक कर्मी रात में ड्यूटी पर तैनात रहता है। कुछ देर बाद बूथ के अंदर क्या कुछ चल रहा है इसे एक्सपोज के कैमरे में कैद करने का प्रयास किया गया। पर्दा डालकर एक कर्मी सो रहा था। कैमरे की लाइट जब उस पर पड़ी तो वह उठ गया। इस दौरान वह वर्दी नहीं पहने था।

मुसाफिर बनकर जाना किराया
मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म १ की ओर एक्सपोज रिपोर्टर ने मुसाफिर बनकर ऑटो चालकों से गंतव्य स्थल तक छोडऩे की बात कही। इस दौरान राइट टाउन तक का किराया १२० रुपए बताया गया। वहीं यादव कॉलोनी तक छोडऩे का का किराया १७० रुपए ऑटो चालक मांग रहे थे।

किमी के हिसाब से दर तय
ऑटो चालकों की मनमानी पर अंकुश लगाने परिवहन विभाग द्वारा किलोमीटर के हिसाब से दर तय की है। एक किमी से 14 किमी तक का किराया बूथ के बाहर लगे सूची बोर्ड पर दर्शाया गया है। इसके अलावा रात 10 बजे के बाद प्रीपेड बूथ से प्राप्त सुविधा पर सुनिश्चित किराया राशि पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान का नियम बनाया गया है।

ये है किराया
मुख्य रेलवे स्टेशन से शहर के विभिन्न क्षेत्रों तक का किराया

दूरी - किराया
1 किमी - 13
1.90 किमी - 22
2 किमी - 23
2.90 किमी - 32
3 किमी - 33
3.90 किमी - 42
4 किमी -43
4.90 किमी - 53
5 किमी - 54
5.90 किमी -62
6 किमी - 63
6.90 किमी - 72
7 किमी - 73
7.90 किमी - 82
8 किमी - 83
8.90 किमी - 92
9 किमी - 93
9.90 किमी - 102
10 किमी - 103
10.90 किमी - 112
11 किमी - 113
11.90 किमी - 122
12 किमी - 123
12.90 किमी -132
13 किमी - 133
13.90 किमी -142
14 किमी - 143
14.90 किमी - 152

ये कहते हैं यात्री

प्रीपेड बूथ गए थे, लेकिन वह बंद मिला। बूथ के समीप बैठे चालकों से रसल चौक ले चलने कहा तो उन्होंने 150 किराया मांगा। अब 30 रुपए देकर रिक्शे से जा रहे हैं।
पंकज चौहान, यात्री

मुझे घमापुर जाना है। ऑटो चालक से किराया पूछा तो उसने 100 रुपए बताया। हालांकि मोल भाव करने के बाद अब वह गंतव्य तक छोडऩे 85 रुपए ले रहा है।

रोहित कुमार, यात्री

ड्यूटी पर तैनात कर्मी से बातचीत के अंश
लाइट क्यो बंद है?
बता रहा हूं।
आप सो रहे थे क्या ?
नहीं।
तो क्या कर रहे थे?
मच्छर हो रहे थे इसलिए लाइट बंद करके बैठा हुआ था।
लेकिन आप तो चादर डालकर सो रहे थे?

नोट: रिपोर्टर के सवाल से बचने मौजूद कर्मी मोबाइल पर किसी से बात करने लगा।

सीधी बात
अमृत मीणा,एएसपी,ट्रैफिक
प्रीपेड बूथ रात में बंद कर दिया जाता है?
मेन पावर की कमी है इसलिए १२ बजे बंद हो जाता है।
लेकिन व्यवस्था तो २४ घंटे के लिए बनाई गई है?
इसके अलावा हमारे पास दूसरे भी काम हैं।
फिर रात के समय कर्मियों की तैनाती क्यों की जा रही है?
सवाल पर एएसपी खामोश रहे।
रात में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ वर्दी उतारकर सो जाते हैं?
इसे दिखवाया जाएगा।