मैं एक आम वाहन चालक हूं। खाली सड़क पर फर्राटे नहीं भरता। सिग्नल पर नियमों की पालना करता हूं। हेलमेट लगाता हूं। गलती से भी ओवरटेक नहीं करता। रॉन्ग साइड चलने के बारे में तो कभी सोचता भी नहीं। जेब्रा लाइन से दो फीट पीछे रुक जाता हूं। बिना हाथ दिए/इंडीकेटर जलाए टर्न नहीं लेता। वाहन के सभी दस्तावेज साथ लेकर चलता हूं। लेकिन, आज मेरा दर्द उमड़ रहा है। एक आम चालक की हैसियत से आपसे कुछ सवाल कर रहा हूं। आखिर क्यों मुख्य बाजारों में जाने से डर लगता है? सराफा, लार्डगंज, फुहारा, गंजीपुरा, गोरखपुर, तीनपत्ती, दमोहनाका, रद्दीचौकी, भानतलैया जैसे इलाकों में वाहन पार्क करने के लिए तिल भर जगह क्यों नहीं मिलती? नए साल के पहले दिन पूरा शहर जाम से कराह क्यों उठा? मुख्य प्वाइंट्स पर भी पुलिस के जवान नजर क्यों नहीं आते?