6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कुलपति ने कलेक्टर को फोन करके दो करोड़ रुपए पहुंचाने का भरोसा दिलाया, जानें पूरा मामला

एमपी मेडिकल यूनिवर्सिटी से जुड़ा है मामला

2 min read
Google source verification
rupees.jpg

demo pic

जबलपुर. मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति ने रविवार को कलेक्टर से फोन पर लंबी बातचीत की। इस दौरान कुलपति ने कलेक्टर को दो रुपए करोड़ रुपए देने का भरोसा दिलाया। मामला विश्वविद्यालय में कुलपति कार्यालय की कुर्की का है। कलेक्टर से बातचीत के बाद राजस्व अमले ने कुलपति का सील किया कार्यालय खोल दिया। डायवर्सन शुल्क नहीं चुकाने पर गोरखपुर तहसीलदार ने शनिवार को कुलपति डॉ. टीएन दुबे का कक्ष सील कर दिया था। सूत्रों के अनुसार कुलपति ने रविवार को कलेक्टर भरत यादव को फोन लगाया। फोन पर बातचीत और बकाया राशि की एक किस्त जमा करने का वादा करने पर कलेक्टर ने सील कक्ष खोलने के आदेश दिए। रविवार को अवकाश के दिन राजस्व विभाग के कर्मचारी विश्वविद्यालय पहुंचे और कुलपति का कक्ष खोल दिया।

जब कुलपति नहीं थे तो सील कर दिया था उनका कक्ष

राजस्व विभाग के कई बार नोटिस देने के बाद भी डायवर्सन शुल्क जमा नहीं होने पर शनिवार को तहसीलदार प्रदीप मिश्रा कुर्की के लिए पहुंचे, तो कुलपति शहर से बाहर थे। सोमवार को कुलपति के विवि लौटने की बात कही जा रही है। कक्ष सील होने के कारण उन्हें विवि में कामकाज में परेशानी होती। इस स्थिति से बचने के लिए अवकाश के दिन बातचीत करके मामले को सुलझाया गया।

तीन दिन में जमा करेंगे दो करोड़ रुपए

विवि पर डायवर्सन शुल्क का करीब 10 करोड़ रुपए का शुल्क है। करीब दस वर्ष से डायवर्सन शुल्क नहीं चुकाया गया है। विवि में पूर्व कुलपति डॉ. आरएस शर्मा के कार्यकाल में डायवर्सन शुल्क के पांच करोड़ रुपए दिए गए थे। उसके बाद नोटिस मिलने पर बाकी राशि राजस्व विभाग में जमा नहीं की गई।

कलेक्टर के निर्देश पर कार्रवाई

तहसीलदार प्रदीप मिश्रा के अनुसार मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति कक्ष की सील खोल दी गई है। इस सम्बंध में कुलपति ने कलेक्टर से चर्चा कर तीन दिनों में बकाया राशि जमा करने का आश्वासन दिया है। कलेक्टर के निर्देश पर सील खोलने की कार्रवाई की गई है।