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जबलपुर के विक्टोरिया जिला अस्पताल ने हासिल की बड़ी सफलता, मिला ये अवार्ड

-सूबे में बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने वाला अस्पताल बना

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जबलपुर का विक्टोरिया जिला अस्पताल

जबलपुर का विक्टोरिया जिला अस्पताल

जबलपुर. स्थानी विक्टोरिया जिला अस्पताल ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस अस्पताल ने बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के मामले में प्रदेश में पहला स्थान हासिल कर लिया है। जबलपुर जिला अस्पताल ने 100 अंक में 70 प्रतिशत अंक हासिल करते हुए कायाकल्प अवार्ड 2020-21 में अव्वल आने का श्रेय हासिल किया है।

जानकारी के अनुसार प्रदेश भर के जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पताल, सीएचसी में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के आधार पर हर वर्ष कायाकल्प अवार्ड दिया जाता है। इसके पीछे की सोच है कि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने में जहां सरकारी अस्पतालों में परस्पर स्वस्थ्य प्रतियोगिता होगी, वहीं इसका लाभ आम मरीजों को मिलेगा। वर्ष 2015 में इसकी शुरुआत हुई थी। इसमें मरीजों को बेहतर इलाज, साफ-सफाई, स्टाफ का मरीजों के प्रति व्यवहार, मरीजों की संक्रमण से मृत्यु, मारबिर्डी, संसाधन, जरूरी स्टाफ, अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या आदि के आधार पर कई चरणों में मूल्यांकन होता है। इसमें स्टाफ की व्यवहारिक ज्ञान से लेकर मरीजों की संतुष्टि आदि को भी परखा जाता है।

इस बार घोषित कायाकल्प अवार्ड में भोपाल को दूसरा तो विदिशा को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। सिविल या सामुदायिक अस्पतालों में जबलपुर के पाटन सीएचसी को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। पहला स्थान सिहोर जिले के सीएचसी इच्छावर को मिला है। निरंतर उत्कृष्टता में एल्गिन जिला अस्पताल ने 10 लाख रुपए का अवार्ड जीता है।

अस्पतालों का मूल्यांकन दो श्रेणी जिला अस्पताल और सिविल अस्पताल या सामुदायिक अस्पताल में किया गया था। जबलपुर जिला अस्पताल सहित कुल 35 जिला अस्पताल कायाकल्प अवार्ड में दावेदारी पेश किए थे। इसमें से सबसे अधिक 70 प्रतिशत अंक जिला अस्पताल जबलपुर ने प्राप्त किया। जिला अस्पताल को इसके लिए 50 लाख रुपए का अवार्ड में मिलेगा। दूसरा स्थान पर आए भोपाल जिला अस्पताल को 20 लाख तो तीसरा स्थान पाने वाले विदिशा जिला अस्पताल को 10 लाख रुपए मिलेंगे।

कायाकल्प अवार्ड का पहला पुरस्कार मिलने की घोषणा की खबर से जिला अस्पताल विक्टोरिया के चिकित्स्क और स्टाफ में जश्न का माहौल दिखा। सिविल सर्जन डॉक्टर आरके चौधरी ने कहा कि यह अवार्ड पूरी टीम को बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करेगी। यह हमारे समन्वय और मरीजों की बेहतर देखरेख करने का प्रतिफल है। आरएमओ डॉक्टर संजय जैन के मुताबिक कायाकल्प अवार्ड अक्टूबर 2020 में शुरू हुआ था। चार महीने तक अलग-अलग चरणों में मूल्यांकन हुआ। पहले कोविड-19 संक्रमण के चलते प्रिअर असेस्मेंट वर्चुअल हुआ। इसके बाद फाइनल मूल्यांकन के लिए राज्यस्तरीय विशेषज्ञों की टीम आई थी। इस टीम ने भौतिक सत्यापन किया।

जिला अस्पताल सिवनी को निरंतर उत्कृष्टता कायाकल्प अवार्ड के स्वरूप 15 लाख रुपए मिले हैं। फास्टेस्ट इम्प्रूविंग अवार्ड नीमच को मिला है। उसे पांच लाख रुपए मिलेंगे। वहीं प्रदेश के 30 जिला अस्प्तालों को सांत्वना पुरस्कार स्वरूप तीन-तीन लाख रुपए मिलेंगे। वहीं सिविल अस्पताल या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की श्रेणी में सीहोर के इच्छावर सीएचसी को पहला स्थान मिलने पर 15 लाख, सतना के रामनगर सीएचसी और जबलपुर के पाटन सीएचसी को समान रूप से दूसरा स्थान प्राप्त करने पर पांच-पांच लाख रुपए मिलेंगे। जबलपुर के सिविल अस्पताल एल्गिन को निरंतर उत्कृष्टता कायाकल्प के रूप में चयनित होने पर 10 लाख रुपए तो प्रदेश के 80 सीएचसी को सांत्वना स्वरूप एक-एक लाख रुपए दिए जाएंगे।