Vipin Bihari Maharaj : पिछले कुछ सालों से देश के सभी तीर्थ स्थानों पर लगातार भीड़ बढ़ रही है। दरअसल ये भक्ति नहीं है, ये तो पर्यटन है। इस भीड़ में बमुश्किल दो-चार सौ भक्त ही मिलते हैं, बाकी तो घूमने फिरने गए हैं। लोग अपने घर के सामने या मोहल्ले के मंदिर में बैठे भगवान को नहीं देख पा रहे हैं, इसलिए उन्हें तीर्थों में भी भगवान नहीं मिल रहे हैं। यदि तुम्हें भगवान से साक्षात्कार करना है तो पहले घर के पास वाले मंदिर में उन्हें खोजो, मिलो। ये बात जबलपुर पधारे बुंदेली शैली में गंभीर व संवेदनशील मुद्दों पर कटाक्ष करने वाले संत विपिन बिहारी महाराज ने पत्रिका से खास चर्चा के दौरान कही।
विपिन बिहारी महाराज ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आज लोग अच्छी बातों से दूर होते जा रहे हैं, लेकिन जहां आडंबर, अंधविश्वास होता है वहां लोग खुद ही जुडऩे पहुंच रहे हैं। इससे बाहर निकलना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा हम जब भी मंच से बोलते हैं तो बहुत से लोगों को बुरा लग जाता है, लेकिन शास्त्र सम्मत ही बात करते हैं। हमारे साथ जो लोग जुड़े हैं वे पूरी ईमानदारी से काम करते हैं।
गौ संवर्धन और गौ शाला को लेकर उन्होंने बताया जिस भी गौ शाला में दूध देेने वाली गायें हैं, और उनका दूध बाहर जा रहा है तो वहां सेवा नहीं व्यापार हो रहा है। इसलिए हमारी गौ शाला में एक भी दूध देने वाली गाये नहीं हैं। उन्हें एक बराबर भोजन दिया जाता है। जबकि अन्य गौ शाला में दूध देने वाली गाये के लिए हरा चारा, खली अनाज सब मिलता है और जो दूध नहीं देतीं उन्हें भूसा तक नहीं मिलता। हनुमान जी की शपथ लेकर हमने गौ शाला शुरू की थी, कथा से जो भी पैसा मिलता है वो गौ सेवा में लगा देते हैं।
Vipin Bihari Maharaj
विपिन बिहारी महाराज ने कहा आजकल लोग हर बात पर कहने लगे हैं एक लोटा जल, सारी समस्याओं का हल, लेकिन ये तब संभव जब मन में न हो कोई छल। छल है तो टैंकरों से पानी डाल दो भगवान के ऊपर कोई नहीं सुनेगा।
मेरी हर कथा में नशा व अंधविश्वास मुक्त युवाओं का समाज तैयार करना उद्देश्य होता है। शास्त्रों और ग्रंथों में वर्णित कथाओं के माध्यम से हम उन्हें जागरुक कर रहे हैं। हां कई बार कटाक्ष से बहुत से लोग आहत हो जाते हैं, लेकिन हम तो वही कहेंगे जो सही होगा।
Published on:
15 Jun 2025 03:12 pm