हाईकोर्ट ने नहीं दी व्यापमं घोटाले के आरोपी को विदेश जाने की इजाजत, अर्जी की खारिज
सीबीआई के अनुसार आरोपी अम्बरीष के खिलाफ पीएमटी 2012 में गड़बड़ी का गंभीर आरोप है। उसके खिलाफ पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स पुलिस थाना भोपाल में 30 अक्टूबर, 2013 को भादवि की धाराओं 420 व अन्य तथा मप्र मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम की धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था। इस मामले में विशेष अदालत के समक्ष चार्जशीट और ट्रायल सहित अन्य प्रक्रिया लंबित है। हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत अर्जी 31 अगस्त, 2018 को कुछ शर्तों के साथ मंजूर की थी। उनमें से एक शर्त विदेश जाने पर रोक से संबंधित थी। आवेदक का पासपोर्ट सीबीआई के पास जमा करवा दिया गया था। आवेदक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त व अधिवक्ता याज्ञवल्क शुक्ला ने तर्क दिए कि आवेदक को सीबीआइ द्वारा व्यापमं घोटाले में आरोपित बनाया गया था। जबकि वह निर्दोष है।
सीबीआइ की ओर से भारत के असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल जिनेंद्र कुमार जैन ने मांग का विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि मामला अत्यंत गंभीर है। हाईकोर्ट ने जमानत का लाभ देते समय जो शर्त लगाई थीं, वे अति आवश्यक थीं। इन्हीं के तहत पासपोर्ट जमा कराया गया था। विदेश जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अर्जी निरस्त कर दी।