ये बंदिशें समाप्त
व्यापमं फर्जीवाड़े में जमानत मंजूर करते हुए हाइकोर्ट ने पूर्व में नितिन महिंद्रा पर कइ प्रकार की बंदिशें लगाइ थी। पुराने फैसले में मोहिंद्रा को जिले से बाहर जाने पर रोक लगाइ थी। साथ ही सीबीआई दफ्तर में उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन कोर्ट के बुधवार को आए आदेश के बाद मोहिंद्रा को अब अपने जिले से बाहर जाने के लिए इजाजत मांगने की जरुरत नहीं होगी। अब उन्हें सिर्फ न्यायालय द्वारा निर्धारित पेशी की तारीखों पर वहां उपस्थिति दर्ज कराना होगा। इस राहत के साथ ही नितिन मोहिंद्रा को 13 मामलों में जमानत का लाभ मिल चुका है।
यह है आरोप
नितिन मोहिंद्रा पर आरोप है कि उन्होंने व्यापमं द्वारा आयोजित 14 विभिन्न परीक्षाओं में हेराफेरी कर अनधिकृत छात्रों को लाभ पहुंचाया। उनके खिलाफ भादंवि, आईटी एक्ट व मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किए हैं। उनके साथ व्यापमं के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, सिस्टम एनालिस्ट अजय सेन, डॉ. जगदीश सागर भी आरोपित है। ये सभी फिलहाल जमानत पर है।
सीबीआइ जांच
प्रदेश में व्यापमं घोटाले उजागर होने के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच की थी। जिसके बाद तत्कालीन शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, व्यापमं में तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, सिस्टम एनालिस्ट अजय सेन, नितिन मोहिंद्रा और डॉ. जगदीश सागर सहित कुछ अन्य आरोपित बनाए गए थे। लेकिन राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी है। सीबीआइ ने मामले में अपनी जांच के बाद नए सिरे से आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की है।