हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
जबलपुर . हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने एक वर्ष तक पेंशन फंड जमा रखकर लौटाए जाने के रवैये पर जवाब-तलब किया। कोर्ट ने सजा के खिलाफ अपील लम्बित होने के बावजूद प्रोविजनल पेंशन का भुगतान न किए जाने के रवैये पर भी स्पष्टीकरण मांगा। बरेली, रायसेन निवासी जसवंत सिंह चौधरी की ओर से अधिवक्ता ओमशंकर विनय पांडे व अंचन पांडे ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता उम्रदराज है। उसे नियम विरुद्ध तरीके से लोन स्वीकृत करने के मामले में आरोपी बनाया गया था। अदालत से सजा सुनाई जा चुकी है। सजा के खिलाफ अपील लम्बित है। साथ ही याचिकाकर्ता जमानत पर रिहा है। मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक, नर्मदापुरम से सेवानिवृत्त हो चुके याचिकाकर्ता ने बैंक की योजना के तहत 2019 में पेंशन फंड जमा किया था, जिसे एक वर्ष तक जमा रखा गया। बाद में सजा होने के आधार पर पेंशन फंड लाैटाते हुए मासिक प्रोविजनल पेंशन देने से इनकार कर दिया गया। इसी रवैये के खिलाफ याचिका दायर की गई । न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने एक वर्ष तक पेंशन फंड जमा रखकर लौटाए जाने के रवैये पर जवाब-तलब किया। कोर्ट ने सजा के खिलाफ अपील लम्बित होने के बावजूद प्रोविजनल पेंशन का भुगतान न किए जाने के रवैये पर भी स्पष्टीकरण मांगा।
जिला अदालतों में 1255 भर्तियों के मामले की सुनवाई टली
मप्र हाईकोर्ट ने जिला अदालतों में 1255 भर्तियों के मामले की सुनवाई एक अगस्त को दोपहर सवा दो बजे निर्धारित कर दी। इससे पूर्व मामला प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व जस्टिस द्वारकाधीश बंसल की युगलपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए लगा था। लेकिन इस युगलपीठ ने सुनवाई से इन्कार कर दिया।अब दूसरी नियमित युगलपीठ में सुनवाई की व्यवस्था दी गई है।