जबलपुरPublished: Mar 04, 2021 07:00:30 pm
prashant gadgil
हाईकोर्ट ने तेल कम्पनियों और पेट्रोलियम मंत्रालय को नोटिस जारी कर पूछा
OBC
जबलपुर . मप्र हाईकोर्ट ने पेट्रोल मे मिश्रित इथेनॉल व बायोडीजल को पेट्रोल की कीमत पर बेचे जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका को गम्भीरता से लिया है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने तेल कंपनियों और केंद्र सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय को नोटिस जारी कर पूछा कि ऐसा क्यों हो रहा है? अगली सुनवाई 6 हफ्ते बाद नियत कर कोर्ट ने तब तक जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से दायर की गई जनहित याचिका में कहा गया कि वर्तमान में पूरे भारत में पेट्रोल की कीमत बेतहाशा बढ़ रही है। मंच का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता सुशांत रंजन ने तर्क दिया कि इथेनॉल और बायोडीजल की वास्तविक कीमत पेट्रोल से आधी है। उस पर भी पेट्रोल का ही दाम लागू कर हर नागरिक से अतिरिक्त वसूली की जा रही है। इसका पूरा मुनाफा तेल कंपनियां कमा रही हैं। जिसकी आम जनता को कोई जानकारी तक नहीं है। सरकार ने 2030 तक 20 फीसदी इथेनॉल का पेट्रोल के साथ मिश्रण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान में मिश्रण लगभग 8 से 10 प्रतिशत हो रहा है।