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हाईकोर्ट ने पूछा, खेल मैदान में विवाह समारोह की अनुमति क्यों?

जनहित याचिका पर मांगा जवाब  

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जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायाधीश विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने बच्चों के लिए आरक्षित खेल मैदान में विवाह समारोह के आयोजन की अनुमति को चुनौती संबंधी जनहित याचिका पर जवाब-तलब किया है। इसके लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। प्रकरण में राज्य शासन, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त व पुलिस अधीक्षक जबलपुर, एसडीएम व थाना प्रभारी रांझी को नोटिस जारी किए गए हैं।

जनहित याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी दीपक चांदवानी की ओर से पक्ष रखा गया। उन्होंने बताया गया कि शहर के घमापुर क्षेत्र के झंडा चौक में बच्चों के लिए खेल मैदान आरक्षित है। खेल मैदान में शादी व अन्य समारोह का आयोजन किया जाता है। देर रात तक डीजे बजने से शोर गुल होता है और लोगों को परेशानी होती है। समारोह से होने वाली गंदगी के कारण बच्चे मैदान में खेल नहीं पाते हैं। देर रात तक असामाजिक तत्वों को जमावड़ा रहता है। इस मामले में अधिकारियों से कई बार शिकायत भी की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

हाईकोर्ट ने वेतन वृद्धि का लाभ देने का दिया निर्देश
मप्र हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलीमठ की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से सेवानिवृत्त कर्मियों को एक वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ देने के निर्देश दिए। जबलपुर निवासी ज्योति सेन, इंदुबाला जैन, सागर निवासी अनिल कुमार ओझा व केरल निवासी एमटी थाॅमस की ओर से बताया गया कि छठे वेतनमान के पुनरीक्षण नियमानुसार 1 जुलाई को सेवा में रहते हुए वार्षिक वेतन वृद्धि देय होती है। 30 जून को उनकी सेवा पूर्ण हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त 2023 को एक फैसले में व्यवस्था दी है कि एक जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी को भी वार्षिक वेतनवृद्धि दी जाए। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार याचिकाकर्ताओं को भी उसका लाभ देने के निर्देश दिए।