जबलपुरPublished: Aug 09, 2020 01:47:45 pm
santosh singh
एक्सक्लूसिव-जबलपुर सहित प्रदेश के दस महिला थाने शामिल,सभी थानों से महिला सम्बंधी अपराधों की विवेचना होगी ट्रांसफर
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जबलपुर . महिला थाने को महिला अपराधों के विशेषज्ञ थाने में विकसित किया जाएगा। महिला सम्बंधी सभी प्रकरण खासकर 12 वर्ष तक की बालिकाओं के बलात्कार, पॉक्सो, एसिड अटैक, मानव तस्करी की विवेचना आदि महिला थाने को ट्रांसफर किए जाएंगे। बलात्कार के प्रकरण में भले ही पीडि़ता की शिकायत स्थानीय थानों में दर्ज किया जाए, लेकिन विवेचना महिला थाने को ट्रांसफर होगी। जबलपुर सहित प्रदेश के दस महिला थानों को इसके लिए चुना गया है।
जिले की स्थिति
महिला सम्बंधी कुल अपराध-865
हत्या-11
हत्या का प्रयास-06
छेड़छाड़-147
अपहरण-142
बलात्कार-93
आत्महत्या के लिए मजबूर करना-13
दहेज हत्या-07
(01 जनवरी से 30 जून तक के आंकड़ें)
जानकारी के अनुसार महिला अपराध खासकर बलात्कार, छेड़छाड़ के प्रकरण में महिला एसआई और इससे ऊपर के अधिकारियों को ही विवेचना करना अनिवार्य बनाया गया है। जबकि जिले में महिला अधिकारियों की संख्या प्रर्याप्त नहीं है। कई थानों में महिला अधिकारी ही नहीं पदस्थ हैं। शहरी क्षेत्र में महिला थानों में प्रकरण दर्ज होने से इस समस्या का समाधान हो जाएगा।
अभी महिला थाने में मुख्यत: दहेज प्रताडऩा के प्रकरण
जबलपुर सहित इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, सतना, रीवा, सागर, रतलाम, कटनी व उज्जैन स्थित महिला थानों में वर्ष 2016 से 2020 तक दर्ज होने वाले प्रकरणों का आकलन किया गया। पता चला कि इन थानों में मुख्यत: 498ए (दहेज प्रताडऩा) के अपराधों की विवेचना की जा रही है।
इन प्रकरणों की विवेचना होगी ट्रांसफर
-शहरी क्षेत्र में 12 वर्ष तक की उम्र की पीडि़ता के साथ बलात्कार
-एसिड अटैक धारा 326ए के प्रकरण
-अनैतिक देह व्यापार धारा 3, 4, 5 संशोधित अधिनियम वर्ष 1986 की धारा 7,8,9 और 370 भादवि व 370 ए के प्रकरण
-धारा 354बी के अंतर्गत दर्ज शीलभंग के प्रकरण
-पॉक्सो प्रकरण के अंतर्गत दर्ज अपराध
-महिला के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम, प्रचार-प्रसार जागरुकता अभियान और प्रशिक्षण की भूमिका
अब यह होगा
यदि पीडि़ता स्थानीय थाने में सीधे पहुंचती है तो प्रकरण वहां दर्ज होगा, लेकिन विवेचना महिला थाने को ट्रांसफर होगा। एसिड अटैक की रोकथाम, मानव तस्करी की पीडि़ता का पुर्नवास कराने की जिम्मेदारी दी जाएगी। बच्चों के साथ बलात्कार, छेड़छाड़ जैसे प्रकरण में मानसिक अघात का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वन स्टॉप सेंटर से सम्पर्क कर सक्षम अधिकारियों से काउंसलिंग और विधि सहायता दिलाना भी महिला थाने का कार्यक्षेत्र होगा।
महिला थाने में प्रशिक्षित स्टॉफ की होगी तैनाती
-महिला थाने में पदस्थ स्टॉफ को सघन प्रशिक्षण दिया जाएगा।
-महिला सम्बंधी अपराधों में विशेष ज्ञान रखने वालों को वरियता मिलेगी।
-पीडि़ता से सहानुभूति पूर्ण व्यवहार, सुनवाई में दक्षता वाले पदस्थ होंगी।
-वन स्टॉप सेंटर के कार्य, भूमिका और समन्वय की जवाबदारी महिला थाने की रहेगी।
वर्जन–
पुलिस मुख्यालय के आदेश पर महिला थाने को महिला सम्बंधी हर तरह के प्रकरण में कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
सिद्धार्थ बहुगुणा, एसपी