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महिला सुरक्षा अभियान: समाज को आगे बढ़ाने में महिलाओं का विशेष योगदान, जरूरी है हर दृष्टि में इसका सम्मान

women safety: महिला एक नदी की तरह होती है। उसे जो भी मिलता है वह अपनाकर साथ लेकर चलती है।

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women safety : patrika campaign in jabalpur

women safety : patrika campaign in jabalpur

कायस्थ समाज एवं होरॉइजन लेडीज क्लब की महिलाओं ने रखे अपने विचार

women safety:
महिला एक नदी की तरह होती है। उसे जो भी मिलता है वह अपनाकर साथ लेकर चलती है। सम्मान देंगे तो दोनों किनारे सुख समृद्धि की खेती से लहलहाते मिलेंगे, यदि पीडि़त करोगे तो उसका प्रकोप भी झेलना होगा। समाज को आगे बढ़ाने में महिलाओं का विशेष योगदान है। जरूरत है तो बस हर दृष्टि में इसके सम्मान की। जो आज कहीं खोती नजर आ रही है। अधिकतर दृष्टि अब इसे केवल भोगने के लिए ही पाना चाहती हैं। ऐसी सोच को मारने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। ये बात शनिवार को रामपुर छापर में पत्रिका महिला सुरक्षा अभियान के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ समाजसेवी रत्ना श्रीवास्तव ने उपस्थित लोगों से कही।


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women safety: शस्त्र शास्त्र दोनों की मिले शिक्षा

साध्वी शोभा दीदी ने नारी की सुरक्षा को लेकर कहा कि सनातन संस्कृति में महिलाओं को शस्त्र और शास्त्र दोनों की शिक्षा देने का उल्लेख मिलता है। लेकिन हमने उसे शिक्षा देकर घर बैठा दिया, शस्त्र की शिक्षा देना शुरू कर दें, अपने आप अपराध कम होने लगेंगे। मुख्य अतिथि प्रतिभा चंदेल ने कहा पत्रिका का ये प्रयास महिलाओं में जागरुकता ला रहा है। इस अभियान के माध्यम से लोगों के बीच अब चर्चा होने लगी है कि घर की बहू बेटियों की आवाज को दबाने के बजाय उसे न्याय पाने तक साथ लेकर जाना है।

women safety: अपराध स्वयं कम हो जाएंगे

डॉ. रितु श्रीवास्तव ने कहा महिला या बच्ची के साथ होने वाले अपराधों में किसी न किसी का बेटा या भाई ही होता है। तो क्यों न हम बच्चियों को संभल कर रहने की शिक्षा के साथ ही बच्चों, बेटों को भी ये बताएं कि यदि वे ऐसा कोई कृत्य करते हैं तो उसे हम स्वयं सजा दिलाएंगे। जिस दिन ऐसा होगा, अपराध स्वयं कम हो जाएंगे। समाजसेवी देवेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा पुरुष समाज को भी चाहिए कि वह केवल अपने परिवार की महिलाओं, बेटियों की सुरक्षा पर बात न करे, बल्कि समाज की हर स्त्री के लिए आवाज उठाए, उसके साथ खड़ा हो। केके श्रीवास्तव, शैली श्रीवास्तव, शशि खरे, रेखा श्रीवास्तव, वीना सिन्हा, सीमा खरे, मंजू वर्मा, अंशुल वर्मा, आभा श्रीवास्तव आदि महिलाओं ने भी अपने विचार रखे।