
Worship and darshan of Narmada included in the daily routine of youth
जबलपुर। धर्म और अध्यात्म के प्रति बढ़ रही आस्था का खास असर शहर के युवा वर्ग की दिनचर्या में देखने को मिल रहा है। भौतिकता के युग में भी संस्कारधानी के युवाओं में जीवनदायिनी नर्मदा के प्रति आस्था बढ़ी है और प्रतिदिन नर्मदा दर्शन के लिए बड़ी संख्या में युवा वर्ग घाटों पर पहुंच रहा है।
नई पीढ़ी पूजन, व्रत, यज्ञ, अनुष्ठान, अभिषेक जैसे धार्मिक कार्यों की ओर भी प्रवृत्त हो रही है। युवाओं में शनिदेव, शिवजी, बजरंगबली सहित दिन के अनुसार इष्ट देव की भक्ति की परम्परा बढ़ी है। इस बदलाव के पीछे बहुत बड़ी वजह सोशल मीडिया है। जहां धार्मिक व आध्यात्मिक प्रवचनों व धर्मगुरुओं के व्याख्यानों के वीडियो के जरिए युवाओं को धर्म की ओर मुडऩे की प्रेरणा मिल रही है।
नर्मदा तीरे भीड़
संस्कारधानी में नर्मदा तट पर प्रतिदिन सुबह से लेकर शाम तक युवाओं की बड़ी संख्या दर्शन-पूजन के लिए पहुंच रही है। नर्मदा महाआरती के संयोजक ओंकार तिवारी का कहना है कि बीते कुछ अरसे से नर्मदा दर्शन के लिए आने वाले युवा वर्ग की संख्या बढ़ी है।
कोरोनाकाल से बढ़ा विश्वास
इंजीनियङ्क्षरग के छात्र प्रत्यूष शुक्ला कहते हैं कि कोरोनाकाल में उनका ईश्वर पर विश्वास बढ़ा है। वे शनिवार को उपवास रखने लगे हैं। वहीं एमबीए के छात्र संदेश गुप्ता कहते हैं कि सोशल मीडिया में देवी उपासना के लाभ देखकर व्रत रखना शुरू किया। कॉलेज के आयोजन, जन्मदिवस और पिकनिक जैसे मौकों पर पूजन को प्राथमिकता दी जा रही है। मैच के पूर्व खिलाड़ी भी पूजन करते नजर आते हैं। बैंक में क्लर्क विपिन कुलश्रेष्ठ कहते हैं कि उनके संस्थान में पूजन के बाद ही काम होता है।
मंदिरों में बढ़ी भीड़
बगलामुखी मंदिर शंकराचार्य मठ के पुजारी ब्रम्हचारी चैतन्यानंद बताते हैं कि अब नियमित रूप से दोनों समय मंदिर आने वाले युवाओं की संख्या खासी बढ़ गई है। ज्योतिषाचार्य जनार्दन शुक्ला कहते हैं कि कुछ वर्षों में राम, शिव व सूर्य भक्ति के प्रति आस्था बढ़ी है। उन्होंने बताया कि रुद्राभिषेक के प्रति भी लोगों की आस्था में वृद्धि नजर आ रही है।
Published on:
28 Apr 2023 06:42 pm
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