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जबलपुर. शहर में जल्द चिड़ियाघर और घायल वन्य प्राणियों के लिए रेस्क्यू सेंटर बनेगा। इस परियोजना पर लंबे समय से काम चल रहा है। अब इसके लिए जगह चिन्हित करने की कवायद की जा रही है। संभाग आयुक्त ने इसके लिए तीन जगहों का प्रस्ताव वन विभाग को भेजा है। इसमें ग्राम मोहनिया, संग्राम सागर ओर बरगी वन क्षेत्र है। जबलपुर में अभी ऐसा कोई स्थान नहीं है, जहां बच्चे वन्य प्राणियों को देख सकें। जबलपुर शहर के आसपास का क्षेत्र जंगली जानवरों के लिए अनुकूल है।
चिड़ियाघर के बनने से पहले उसमें रेस्क्यू सेंटर बनना जरूरी है। इसकी अनुमति सेंट्रल जू एथॉरिटी से लेना होती है। जबलपुर में वेटरनरी कॉलेज और यूनिवर्सिटी भी है। यहां कई प्रकार के जंगली जानवरों को इलाज के लिए लाया जाता है। लेकिन ऐसी कोई बड़ी जगह नही है, जहां उन्हें खुले स्थान में रखा जा सके। रेस्क्यू सेंटर उनके लिए भी उपयोगी होगा।
भेड़ाघाट के पास खैरी में था प्रस्ताव
इससे पहले चिड़ियाघर एवं रेस्क्यू सेंटर के लिए भेड़ाघाट के समीप ग्राम खैरी से लगी वन विभाग की 650 एकड़ जमीन को चिन्हित किया गया था। इसका प्रस्ताव मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष विनोद गोंटिया ने रखा था। उन्होंने बताया कि भेड़ाघाट के पास गौरी और ललपुर ग्राम के बीच का यह स्थान इसके लिए चिन्हित किया गया था। यह स्थान इसलिए उचित था क्योंकि यह भेड़ाघाट के समीप हैं। यहां पर्यटकों आना-जाना रहता है। इसकी डीपीआर तैयार करवाने के लिए वन विभाग की तरफ से एजेंसी भी तय कर दी गई थी। बाद में उसे अलग कर दिया गया। वहीं जिला प्रशासन की तरफ से ठाकुरताल एवं मदन महल की पहाड़ियों में इसे बनाने का प्रस्ताव दिया गया। लेकिन इसके लिए भेड़ाघाट उचित है।
इलाज और रहवास का इंतजाम
नगर निगम से आए प्रस्तावों के आधार पर जिले में चिड़ियाघर और रेस्क्यू सेंटर बनाने के लिए तीन जगहों का चयन किया गया है। इसका प्रस्ताव वन विभाग को भेजा गया है।
- अभय वर्मा, कमिश्नर, जबलपुर संभाग
Published on:
06 Mar 2024 12:16 pm
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