
Vivah Muhurat 2024: देवउठनी एकादशी आज है। इस दिन हर्षण योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग है। इसकी वजह यह दिन शुभ कार्यों के लिए बहुत अच्छा है। इसके दस दिन बाद यानी 22 नवंबर से शादी-ब्याह के लग्न हैं। वर्तमान कालयुक्त नाम संवत्सर में 22 नवंबर से 6 मार्च 2025 तक शादी के लिए कुल 25 लग्न हैं।
इसमें नवंबर में तीन, दिसंबर, जनवरी 2025 में 5-5, फरवरी में 9, मार्च में 3 दिन लग्न है। इसके बाद होलाष्टक लग जाएगा। फिर 14 मार्च से 14 अप्रैल 2025 तक मीनार्क रहेगा। इस दौरान शादी-ब्याह में विराम रहेगा। इसके बाद नए संवत्सर में अप्रैल में 9, मई में 14 और जून में 5 लग्न हैं।
भले ही 12 को देवउठनी एकादशी है,लेकिन 16 नवंबर तक शुक्र की स्थिति अधिक अच्छी नहीं है। वहीं सूर्य तुला राशि में रहेगी। सूर्य 16 नवंबर को वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। इसकी वजह से 22 से शादी-ब्याह के लग्न शुरू हो रहे हैं। इस बार शादी-ब्याह के लिए अच्छे लग्न है। देव उठनी एकादशी से लेकर देवशयनी एकादशी के बीच विभिन्न महीनों में अलग-अलग तिथियों में कुल 53 लग्न हैं।
Vivah Muhurat: 6 जुलाई 2025 को देवशयनी एकादशी पड़ेगी। इसके बाद अक्टूबर तक चातुर्मास रहेगा। इस तरह जुलाई से अक्टूबर तक विवाह के मुहूर्त नहीं रहेंगे। इसकी वजह है कि 10 जुलाई 2025 तक गुरु ग्रह अस्त रहेगा और इसके बाद श्रावण महीना शुरू हो जाएगा। इस तरह चातुर्मास शुरू हो जाएगा। हमारे रीति-रिवाज और परंपरा के अनुसार देवों के शयन काल में कोई भी शादी, उपनयन, नए घर में प्रवेश, मकान बनाने की शुरुआत जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। अत: इस दौरान शादी-ब्याह में विराम रहेगा। उसके बाद देवउठनी एकादशी तक विवाह मुहूर्त के लिए इंतजार करना होगा।
श्री देव-पंचांग के अनुसार देवउठनी एकादशी के बाद नवंबर महीने में शादी-ब्याह के लिए 22, 23 और 27 को शुभ मुहूर्त है। दिसंबर में 4, 6, 7, 12 और 14 को लग्न है। जनवरी 2025 में 16, 17, 21 22 और 30 को विवाह के लग्न हैं। फरवरी में 3, 4, 6, 7, 13, 18, 20, 21 और 25 विवाह के लिए शुभ मुहूर्त है। मार्च में 3, 5 और 5 को लग्न ग्न है। इसी तरह अप्रैल में महीने में 14,16,18,19, 20, 21, 25, 29, 30, मई में 5, 6, 8, 10, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 27, 28 और जून में 2, 4, 5, 7, 8 को लग्न हैं।
मंगलवार को तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त शाम 4.05 बजे से रहेगा 12 नवंबर को तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त शाम 4.05 बजे से शुरू हो रहा है, जो मध्य रात्रि तक रहेगा। जो लोग एकादशी का व्रत रखते हैं वह 13 नवंबर को सुबह 6.42 से लेकर 8.51 के बीच व्रत का पारण कर सकते हैं।
Published on:
12 Nov 2024 02:05 pm
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