
जेई के बाद बस्तर में अब बढ़ा डेंगू का खतरा, मेंकाज में मिले दो मरीज, जानिए इसके लक्षण व बचाव के सुझाव
जगदलपुर. सुकमा के बाद अब बस्तर जिला में भी डेंगू का डंक पहुंच गया है। डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में दो पॉजीटिव मरीज भर्ती थे, इसमें मेल मेडिकल वार्ड में भर्ती प्रशन्नजीत को मंगलवार को डिस्चार्ज किया गया। मिली जानकारी के अनुसार आईसीयू में भी एक संदिग्ध मरीज भर्ती है। जापानी बुखार के बाद अब बस्तर जिले में डेंगू का कहर भी बढऩे लगा है। कोंटा में डेंगू के 25 पॉजीटिव मरीज मिलने के बाद बस्तर जिले के स्वास्थ्य महकमा भी सतर्क हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम लोगों को डेंगू से बचाने के लिए जागरूक कर रहे हैं। सीएचसी, पीएचसी में संदिग्ध मरीज मिलने पर उन्हें सीधे डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में रेफर भी किया जा रहा है। दरभा इलाके में मलेरिया पीडि़तों की संख्या अधिक होने की वजह से यहां पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। वहीं मेकाज में भी जांच से लेकर इलाज तक की सारी सुविधाएं उपलब्ध है, ताकि डेंगू से पीडि़त मरीजों को बेहतर उपचार मिल सके।
एडीज मच्छर से फैलती बीमारी
डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है। जब ये मच्छर हमारे शरीर में काटते हैं तो शरीर में वायरस फैल जाता है। ये वायरस प्लेटलेट्स के निर्माण प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं। सामान्यत हमारे शरीर में एक बार प्लेटलेट्स का निर्माण होने के बाद 5-10 दिन तक रहता है, जब इनकी संख्या घटने लगती है तब शरीर कमजोर हो जाता है।
प्लेटलेट्स की घटती है संख्या
डेंगू होने पर प्लेटलेट्स की संख्या घटने लगती है। प्लेटलेट्स दरअसल रक्त का थक्का बनाने वाले सेल होती हैं, जो लगातार नष्ट होकर निर्मित होती रहती है। ये सेल रक्त में 1 लाख से 3 लाख तक पाई जाती हैं। डेंगू में ये कम होने लगते हैं। इससे संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है।
उलटी और दर्द होना।
कूड़े के डिब्बे में कूड़ा जमा होने न दे। इससे मच्छर पैदा होते हैं।
Published on:
02 Oct 2019 04:28 pm
बड़ी खबरें
View Allजगदलपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
