Bastar Dussehra : बस्तर दशहरा की अनूठी रस्मों में से एक मांगुरमुई रस्म बुधवार को सिरहासार भवन के सामने विधि विधान से संपन्न हुई।
जगदलपुर। Bastar Dussehra : बस्तर दशहरा की अनूठी रस्मों में से एक मांगुरमुई रस्म बुधवार को सिरहासार भवन के सामने विधि विधान से संपन्न हुई। इसके बाद रथ के चार चक्कों को एक्सल से जोड़ा गया। इसके ऊपर मांगुरमुई की दो विशालकाय लकड़ी रखी गई। अब रथ के ऊपर का हिस्सा तैयार किया जाएगा। मांगुरमुई विशालकाय लकड़ी की फूल-फल और अगबत्ती से पूजा की गई।
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इसके बाद सात मोंगरी मछली और एक बकरे की बलि चढ़ाई गई। मांगुरमुई पूजा विधान के दौरान नायब कारीगरों के अलावा लोहार और दशहरा समिति के सदस्य मौजूद थे। कारीगर प्रहलाद ने बताया कि लकड़ी काटने से रथ निर्माण तक पूजा पाठ की कई रस्में पूरी की जाती हैं।
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रथ निर्माण में लगने वाले पहिए, एक्सल, पाटा, धार और मांगुरमुई की पूजा होती है। बगैर पूजा के कारिगरों के द्वारा रथ निर्माण आरंभ नहीं किया जाता है। अब पहियों को जोडऩे और उसके ऊपर मांगुरमुई को बैठाने के बाद रथ के ऊपरी हिस्से के लिए लकड़ी काटी जाएगी। जिसके बाद रथ का निर्माण होगा।