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डिप्रेशन में बस्तरिया, हर दिन 3 से 5 लोग करते हैं आत्महत्या का प्रयास

- विश्व आतमहत्या प्रीवेंशन डे पर विशेष- बेरोजगारी, ठगी, मोहब्बत और पारिवारिक क्लेश बन रही आत्महत्या की वजह।- प्रशासन साल में सिर्फ एक दिन ही करता है आत्महत्या रोकथाम के प्रयास।

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डिप्रेशन में बस्तरिया, हर दिन 3 से 5 लोग करते हैं आत्महत्या का प्रयास

डिप्रेशन में बस्तरिया, हर दिन 3 से 5 लोग करते हैं आत्महत्या का प्रयास

जगदलपुर. मस्तमौला जीवन जीने के लिए जाने पहचाने जाने वाले बस्तरवासी भी अब डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। इसी के कारण अब यहां के लोगों में आत्महत्या करने का प्रयास बढ़ता जा रहा है। मेडिकल कॉलेज के आंकड़ों की तरफ नजर डालें तो हर दिन यहां कम से कम ३ से ५ ऐसे मरीज आते हैं जो डिप्रेशन की वजह से आत्महत्या का प्रयास करते हैं। इसमें से २० प्रतिशत लोग मौत के काल में समा जाते हैं। गौरतलब है कि यह स्थिति तब है जब विश्व आत्महत्या प्रिवेंशन डे जैसा दिन पूरे विश्व में बनता है। जिसके तहत इसकी रोकथाम के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी लगातार लोगों का डिप्रेशन में जाना और आत्महत्या का प्रयास करने की संख्या में वृद्धि होना और वह भी बस्तर में बेहद चिंताजनक बात है।

प्रेम संबंध, आर्थिक तंगी, कर्ज व पारिवारिक कलेष बन रही मुख्य वजह
आत्महत्या के ज्यादातर मामलों में प्रेम संबंध, पति-पत्नी का विवाद, ससुराल या घरेलू विवाद, आर्थिक तंगी, कर्ज या प्रताडऩा ही वजह सामने आई है। इसमें लोगों में धैर्य की कमी, माता-पिता से दूरी, अच्छे दोस्त की कमी, घर का माहौल समेत अन्य भी इसके अहम कारण हैं। इसके साथ ही ऑनलाइन ठगी और डेटिंग एप्प के चक्कर में पडऩे के बाद ब्लैक मेल और परिवार के पैसे हारकर कुछ लोगों ने आत्महत्या का कदम उठाया है।

60 प्रतिशत ने फांसी लगाई
आत्महत्या करने वालों में ५० प्रतिशत ने फांसी लगाई, 2३ प्रतिशत ने जहर सेवन कर, 10 प्रतिशत आत्मदाह कर और पांच प्रतिशत ने पानी में डूबकर जान दी। आर्थिक तंगी के चलते 25 प्रतिशत ने और 15 प्रतिशत ने घरेलू विवाद में आत्महत्या की। पांच प्रतिशत युवकों के आत्महत्या के पीछे अन्य कारण हैं। आत्महत्या करने वालों में नाबालिग भी शामिल हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक आज कल के बच्चे शारीरिक खेल नहीं खेलते। जिसकी वजह से मानसिक रूप से मजबूत नहीं हैं। जरा सी बात पर झल्लाहट और आवेश में आकर आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं।

एक्सपर्ट व्यू :
आत्महत्या आवेग में उठाया कदम होता है और अगर आत्महत्या की मनोस्थिति को एक बार तोड़ दिया जाए तो व्यक्ति को बचाया जा सकता है। आत्महत्या की एक बड़ी वजह मानसिक अस्वस्थता है। तनावग्रस्त व्यक्ति अक्सर तनाव से निदान पाने के लिए कई बार आत्महत्या की राह चुन लेता है या फिर मानसिक रोग का उपचार न होने के कारण रोगी अपनी जान ले लेता है जो गलत है। अगर किसी के मन मे आत्महत्या करने जैसे विचार आ रहे है तो वह मानसिक रूप से अस्वस्थ है, मानसिक अस्वस्थता की स्थिति हो तो घबराएं नही, महारानी अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक के माध्यम से मानसिक रोगियों को नि:शुल्क परामर्श व उपचार दिया जाता है। स्पर्श क्लीनिक जगदलपुर हेल्पलाइन नम्बर 077822-22578 पर कॉल करके भी जानकारी ली जा सकती है।

डॉ. आरके चतुर्वेदी, सीएमएचओ, बस्तर

बस्तर में सामने आ रहे इस तरह के मामले

केस १ : डेटिंग साइट पर मां पिता की पूंजी लुटा दी
शहर में एक मामला ऐसा भी है जिसमें एक युवा ऑन लाइन डेटिंग साइट के चक्कर में फंस गया। इस साइट के में ठगों ने उससे धीरे-धीरे इतने लाखों रुपए मंगा दिए। ऐसे में युवा ने परिवार वालों की जमा पूंजी इनके खातें में डाल दी। अंत में जब उसे पता चला कि उसके साथ ठगी हो गई है और उसने परिवार वालों की जमा पूंजी फूंक दी है। इसके बाद आत्मग्लानी में उसने आत्महत्या कर ली।


केस २ : मोबाइल खेलने से मना किया तो कर ली आत्महत्या
पथरागुड़ा निवासी एक परिवार जब अपने बच्चे के लगातार मोबाइल की लत से परेशान होकर उसने सख्ती से खेलने से मना कर दिया और मोबाइल भी अपने पास ले लिया। इस बात से बच्चे ने अपने रूम में जाकर आत्महत्या कर ली थी। परिवार को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा और वे इसके लिए अपने आप को दोष देने लगे।

फैक्ट फाइल(मेकाज में आत्महत्या के प्रयास के मामले)
्रवर्ष - संख्या
२०१८ - १०३२
२०१९ - ११६९
२०२० - ११०९
२०२१ - ९०३
२०२२ - ११२३
२०२३ - ९२२ (अगस्त तक के आंकड़े...)