
CG News: जगदलपुर सरकार बदलती हैं, अफसर बदलते रहते हैं लेकिन नहीं बदलती है तो वह है बस्तर की दशा और दिशा या कहें तो किस्मत, जी हां केन्द्र से लेकर राज्य सरकार तक युवाओं की शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य की बात करती है किन्तु इसकी असलियत बस्तर में देखा जा सकता है जहां पर बस्तर के युवा आईआईटी, नीट, जेएनयू, दिल्ली यूनिवर्सिटी, यूपीएससी, एयरफोर्स, आर्मी, नेवी, कैट जैसे संस्थानों में प्रवेश के परीक्षा सेंटर नहीं है। इसके अलावा यहां के युवा बैंकिग, रेल्वे और अन्य प्रमुख केंद्रीय संस्थानों में भर्ती संबंधी परीक्षाओं के लिए सैंकड़ो किलोमीटर दूर सफर करने मजबूर हैं।
शिक्षित और बेरोजगार युवा इस तरह परीक्षाओं के लिए राजधानी रायपुर सहित बिलासपुर और दुर्ग जैसे शहरों में जाते हैं और अपना भाग्य आजमाते हैं। पत्रिका की टीम ने इस विषय पर शहर कि कई युवाओं से बस्तर संभाग में परिक्षा केन्द्र के आभाव में होने वाली परेशानियों और अन्य समस्याओं पर चर्चा किया जिसमें युवाओं ने खुलकर अपने विचार रखे और शासन की दोमुंही नीतियों की जमकर आलोचना की।
लुपेन्द्र ठाकुर, युवा अभ्यर्थी: सरकार द्वारा आयोजित विभिन्न परिक्षाओं के लिए बस्तर के सूदूर सुकमा, कोंटा और बीजापुर जैसे इलाकों से भी युवा परीक्षा देने के लिए निकलते हैं। कई बार बसों में युवाओं से उनकी मजबूरी का फायदा उठाते हुए अधिक किराया वसूला जाता है। चूंकि अभ्यर्थी को जाना मजबूरी होती है, इसलिए उसे अधिक किराया देना मजबूरी हो जाता है।
बस्तर के युवाओं को अपनी पढ़ाई और प्राशासनिक सेवाओं में प्रवेश के लिए यहां से राजधानी रायपुर और बिलासपुर जैसे शहरों में दौड़ लगाना पड़ता है। यह बहुत परेशानियों भरा होता है। इस तरह के परीक्षाओं के लिए परीक्षा केन्द्र की व्यवस्था बस्तर संभागीय मुयालय में ही किया जाना चाहिए। रोहन घोष, सीटेट अभ्यर्थी
प्रियंका चोपड़ा, युवा अभ्यर्थी: कई बार बस्तर के दूर दराज से गए युवक युवती नियत परीक्षा केन्द्र तक जानकारी के आभाव और नए स्थान होने के कारण समय पर नहीं पहुंच पाते। ऐसे में पता तलाश करते कई बार देरी हो जाने से परीक्षा केन्द्र में प्रवेश नहीं मिल पाता। इस तरह सैंकड़ो किलोमीटर दूर गए प्रतिभागियों को निराश होना पड़ता है।
बस्तर से विभिन्न परीक्षाओं के लिए राजधानी और संस्कार धानी तक दौड़ लगाने के लिए जाने वाले युवा बसों और ऑटो सहित अन्य स्थानों पर ठगे जाते हैं। (chhattisgarh news) ऐसे मामले में आर्थिक रूप से विपन्न युवाओं को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सरकार को चाहिए कि वह बस्तर जैसे इलाके में कम से कम एक परीक्षा सेंटर अवश्य बनाएं जिससे यहां के युवाओं को सहायता मिल सके।
CG News: संजय मौर्य, एसएससी अभ्यर्थी: चुनावों के दौरान केन्द्र हो या राज्य सरकार दोनों सरकार युवाओं के लिए शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में काम करने संबंधी बड़े बड़े सपने दिखाती है किन्तु चुनाव के बाद अपना वादा भूल जाती है। यहां के युवा अपनी मांगो को लेकर चार माह पूर्व परीक्षा सेंटर के लिए बस्तर सांसद को ज्ञापन दिया गया हैं किन्तु अब तक इसकी पहल नहीं किया गया है।
Updated on:
18 Dec 2024 02:37 pm
Published on:
18 Dec 2024 02:36 pm
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