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किसान के बेटे ने साबित किया गांव में भी हैं प्रतिभाएं, छठवीं बार में पास किया PSC का एग्जाम

अविनाश बताते हैं कि उनका 6 साल का सफर आसान नहीं रहा। कई ऐसे मौके आए जब उन्हें लगा कि अब बस, कुछ और किया जाए।

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avinash thakur

किसान के बेटे ने साबित किया गांव में भी हैं प्रतिभाएं, छठवीं बार में पास किया PSC का एग्जाम

जगदलपुर. लक्ष्य तय हो और अच्छे लोगों का साथ हो तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। यह बात साबित की है तितिरगांव के अविनाश ठाकुर ने। अविनाश पिछले 6 साल से राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) की परीक्षा दे रहे थे। इस बार के नतीजों में उन्होंने पूरे छत्तीसगढ़ में 61 वीं रैंक हासिल की है। अविनाश बताते हैं कि उनका 6 साल का सफर आसान नहीं रहा। कई ऐसे मौके आए जब उन्हें लगा कि अब बस, कुछ और किया जाए। लेकिन उनके माता-पिता और दोस्त उनका हौसला बढ़ाते रहे।

अविनाश के पिता पेशे से किसान हैं और मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता। अविनाश दो बार प्री क्लियर करके मेन्स में बैठे लेकिन यहां उन्हें असफलता हाथ लगी। साल 2018 -19 के लिए आए नतीजों से पहले वे इंटरव्यू राउंड में पहुंचे। यहां उन्हें राज्य और देश से जुड़े कई कठिन सवालों का सामना करना पड़ा। इसके बाद आए नतीजों में उन्हें 61 वीं रैंक हासिल हुई।

अविनाश जगदलपुर के एक कोचिंग संस्थान में औरों को पीएससी की तैयारी भी करवाते हैं। वे बताते हैं कि शुरुआती दौर में उन्होंने सेल्फ स्टडी पर जोर दिया। इसके बाद उनका चयन आदिवासी हॉस्टल दिल्ली के लिए हो गया। जहां सरकारी मदद देकर आदिवासी बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाती है।

एक साल दिल्ली में रहने के बाद अविनाश वापस जगदलपुर लौटे और यहां एक पीएससी कोचिंग संस्थान में पढ़ाने लगे। वे मानते हैं कि यहां पढ़ाते हुए उनकी असल तैयारी हुई। इसके बाद ही वे दो बार मेन्स में बैठे और फिर इस बार इंटरव्यू क्लियर करके 61 वीं रैंक हासिल की। अविनाश कहते हैं कि बतौर प्रशासनिक अधिकारी वे लोगों की सेवा करना चाहते हैं। अंतिम व्यक्ति तक शासन की योजना पहुंचाना चाहते हैं।