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नक्सलियों से ज्यादा ये वजहें मार रही हैं CRPF के जवानो को

locationजगदलपुरPublished: May 05, 2019 06:19:59 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

सरकार ने 2017 और 2019 के बीच सात राज्यों के सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिलों के लिए विशेष केंद्रीय सहायता के तहत कुल 775 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की है।जिसमें छत्तीसगढ़ को 200 करोड़ रुपये जारी किये गए हैं।

CRPF

नक्सलियों से ज्यादा ये वजहें मार रही हैं CRPF के जवानो को

जगदलपुर. नक्सल क्षेत्रों में तैनात CRPF के जवानो को नक्सल हमले का तो डर रहता ही है साथ ही उन्हें अन्य भौगोलिक और पर्यावरण से सम्बंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आये दिन नक्सलवाद से लड़ाई में सेना के जवानो की मृत्यु तो होती है लेकिन नक्सलवाद से ज्यादा जवानो की मौत दिल का दौरा, अवसाद और मच्छर जनित बीमारियाँ जैसे मलेरिया और डेंगू आदि से होती है।

नक्सलवाद की अपेक्षा 15 गुना ज्यादा मौतें

आकड़ों के अनुसार नक्सल हमले की अपेक्षा CRPF के जवानो की मौत डिप्रेशन, हार्ट अटैक, आत्महत्या, मलेरिया या डेंगू और अन्य कारणों से 15 गुना ज्यादा होती होती है।
1 जनवरी 2016 से 30 जुलाई 2018 के बीच डिप्रेशन, हार्ट अटैक, आत्महत्या, मलेरिया या डेंगू और अन्य कारणों से CRPF के कुल 1294 जवानों की मौत हुई जबकि इस दौरान नक्सली हमले में अर्धसैनिक बल के केवल 85 जवान ही मारे गए थे।
30 जुलाई 2018 तक के आकड़ों के अनुसार नक्सलवाद के बजाय अन्य कारणों से CRPF के जवानो की मृत्यु

2016 में 476 जवान ।

2017 में 635 जवान।

2018 में 30 जवान।
इन कारणों से हुई मृत्यु

आपको बता दें की 2016 में दिल का दौरा पड़ने से 92 कर्मियों की मृत्यु हो गई, पांच मलेरिया और डेंगू के कारण, 26 ने अवसाद के कारण आत्महत्या की, और 353 अन्य कारणों से मर गए।
2017 में दिल के दौरे की संख्या, मच्छर जनित बीमारियाँ (मलेरिया और डेंगू), अवसाद के कारण आत्महत्या और अन्य कारणों से क्रमशः 156, छह, 38 और 435 की वृद्धि हुई।

30 जुलाई 2018 तक, दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मौतों की संख्या 39, मलेरिया या डेंगू से 1, अवसाद के कारण आत्महत्या 19 और अन्य कारण 124 थे।
नक्सली हमले में मारे गए जवानो की संख्या

2016 में 31 जवान।
2017 में 40 जवान।
2018 में 14 जवान।

छत्तीसगढ़ में CRPF के जवानो की नक्सली हमले में मृत्यु

2016 में में 18 जवान।
2017 में 39 जवान।
2018 में 11 जवान।
सरकार ने 2017 और 2019 के बीच सात राज्यों के सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिलों के लिए विशेष केंद्रीय सहायता के तहत कुल 775 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की है।जिसमें छत्तीसगढ़ को 200 करोड़ रुपये जारी किये गए हैं।छत्तीसगढ़ के आठ जिले (बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, राजनांदगांव और सुकमा) एलडब्ल्यूई के अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हैं।
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