scriptबस्तर के रेड राइस की अमेरिका व यूरोप में डिमांड, जानिए किन मामलों में खास है बस्तर का ये चावल | Demand of Bastar's Red Rice in the US and Europe, what is special in R | Patrika News
जगदलपुर

बस्तर के रेड राइस की अमेरिका व यूरोप में डिमांड, जानिए किन मामलों में खास है बस्तर का ये चावल

देश के अन्य राज्यों में होने वाले रेड राइस से सबसे पतला बस्तर का रेड राइस, प्रदेश के बड़े राइस मिलरों ने रेड राइस विदेश भेजने बस्तर के किसानों से साधा संपर्क

जगदलपुरMay 04, 2019 / 11:26 am

Badal Dewangan

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बस्तर के रेड राइस की अमेरिका व यूरोप में डिमांड, जानिए किन मामलों में खास है बस्तर का ये चावल

आकाश मिश्रा/जगदलपुर. बस्तर के रेड राइस की अमेरिका और यूरोप में डिमांड बढ़ रही है। दरअसल पिछले साल बस्तर जिले के कुछ गांवों में कृषि विज्ञान केंद्र कुम्हरावंड के सहयोग से रेड राइस की फसल लगाई गई थी। इसकी खबर जब रायपुर और धमतरी के राइस मिलरों को मिली तो उन्होंने किसानों से संपर्क किया और कुछ क्विंटल धान उनसे खरीदा। धान को मिल में फाइन राइस बनाया और उसकी पैकेजिंग कर अमेरिका और यूरोप भेजा। वहां के लोगों को बस्तर का रेड राइस बेहद पसंद आया और डिमांड बढ़ गई लेकिन पिछले साल बस्तर में प्रयोग के तौर पर रेड राइस लगाई गई थी।

दिन भोजन में शामिल करने से
इसलिए विदेशी डिमांड पूरी नहीं हो सकी। अब बस्तर के किसान इस सीजन में बड़े पैमाने पर रेड राइस लगाने की तैयारी कर रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो बस्तर के किसानों को प्रति किलो ३०० रुपए तक का मुनाफा हो सकता है। अमेरिका और यूरोप के लोग अपनी सेहत को लेकर बेहद फिक्रमंद होते हैं। रेड राइस औषधीय गुणों से युक्त है। इसे हर दिन भोजन में शामिल करने से ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल रहता है।

इसलिए पसंद किया जा रहा बस्तर का रेड राइस
बस्तर में होने वाला रेड राइस लाजनी सुपर वैराइटी का है। यह बिल्कुल एचएमटी की तरह है। यानी बिल्कुल पतला है। आमतौर पर दक्षिण के राज्यों और हिमालय के निचले इलाकों में होने वाला रेड राइस ूमोटा होता है। इस वजह से विदेशों में उसे ज्यादा पसंद नहीं किया जाता। बस्तर का रेड राइस पतला है। इसलिए इसकी डिमांड ज्यादा है। छत्तीसगढ़ में सिर्फ बस्तर में रेड राइस की पैदावार राज्य में फिलहाल सिर्फ बस्तर में रेड राइस की पैदावार हो रही है। यहां की जलवायु इसके लिए अनुकूल है। देश में दक्षिण के राज्यों और हिमालय के निचले इलाकों में इसकी खेती बहुतायत में होती है। बस्तर में फिलहाल इसके पैदावार को लेकर किसानों में जागरूकता की कमी है। कृषि विज्ञान केंद्र इस दिशा में काम कर रहा है।

सेहत के लिए हर तरह से फायदेमंद है रेड राइस
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक लेखराम वर्मा ने बताया कि रेड राइस में एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है। यह बैंगनी और लाल रंग के फलों और सब्जियों में पाए जाते हैं। यह शरीर में होने वाली जलन एलर्जी, कैंसर के खतरे को कम और वजन को सही बनाए रखने में मदद करता है। रेड राइस बल्ड प्रेशर कम करने के साथ-साथ हार्ट अटैक के खतरे को घटाने में मदद करता है।

मैग्नीशियम और कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत करने, ऑस्टियोपरोसिस गठिया जैसे रोगों को ठीक करने में सहायक होते हैं। रेड राइस डायबीटिज़ पीडि़त और हार्ट के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। अपनी डाइट में एक कप ब्राउन चावल शामिल करने से 60 प्रतिशत डायबीटीज का रिस्क कम हो जाता है। कुछ अन्य अध्ययन के अनुसार ब्राउन चावल में पाए जाने वाले फैटिक एसिड जैसे कुछ अन्य तत्व व्यक्ति के शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं।

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