दिन भोजन में शामिल करने से
इसलिए विदेशी डिमांड पूरी नहीं हो सकी। अब बस्तर के किसान इस सीजन में बड़े पैमाने पर रेड राइस लगाने की तैयारी कर रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो बस्तर के किसानों को प्रति किलो ३०० रुपए तक का मुनाफा हो सकता है। अमेरिका और यूरोप के लोग अपनी सेहत को लेकर बेहद फिक्रमंद होते हैं। रेड राइस औषधीय गुणों से युक्त है। इसे हर दिन भोजन में शामिल करने से ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल रहता है।
इसलिए पसंद किया जा रहा बस्तर का रेड राइस
बस्तर में होने वाला रेड राइस लाजनी सुपर वैराइटी का है। यह बिल्कुल एचएमटी की तरह है। यानी बिल्कुल पतला है। आमतौर पर दक्षिण के राज्यों और हिमालय के निचले इलाकों में होने वाला रेड राइस ूमोटा होता है। इस वजह से विदेशों में उसे ज्यादा पसंद नहीं किया जाता। बस्तर का रेड राइस पतला है। इसलिए इसकी डिमांड ज्यादा है। छत्तीसगढ़ में सिर्फ बस्तर में रेड राइस की पैदावार राज्य में फिलहाल सिर्फ बस्तर में रेड राइस की पैदावार हो रही है। यहां की जलवायु इसके लिए अनुकूल है। देश में दक्षिण के राज्यों और हिमालय के निचले इलाकों में इसकी खेती बहुतायत में होती है। बस्तर में फिलहाल इसके पैदावार को लेकर किसानों में जागरूकता की कमी है। कृषि विज्ञान केंद्र इस दिशा में काम कर रहा है।
सेहत के लिए हर तरह से फायदेमंद है रेड राइस
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक लेखराम वर्मा ने बताया कि रेड राइस में एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है। यह बैंगनी और लाल रंग के फलों और सब्जियों में पाए जाते हैं। यह शरीर में होने वाली जलन एलर्जी, कैंसर के खतरे को कम और वजन को सही बनाए रखने में मदद करता है। रेड राइस बल्ड प्रेशर कम करने के साथ-साथ हार्ट अटैक के खतरे को घटाने में मदद करता है।