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ट्रांसफर लिस्ट में छूट गया भतीजे का नाम, चाचा डीईओ ने निकाला ऐसा रास्ता, काम भी हो गया, और किसी को खबर तक नहीं

शिक्षक Teacher भतीजे को गांव से शहर लाने डीईओ (DEO) चाचा ने अपनाया नया तरीका, 12 जुलाई की डेड लाइन तोडक़र डीईओ ने जारी की दूसरी सूची (Transfer List)

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DEO Bastar

ट्रांसफर लिस्ट में छूट गया भतीजे का नाम, चाचा डीईओ ने निकाला ऐसा रास्ता, काम भी हो गया, और किसी को खबर तक नहीं

जगदलपुर. संलग्नीकरण खात्मे के आदेश में विसंगति और ट्रांसफर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप झेल रहे डीईओ एचआर सोम अब एक बड़े मामले में फंसे हैं। इस नए मामले में वे भाई-भतीजावाद के पोषक नजर आते हैं। पत्रिका ने 12 जुलाई के बाद जारी की गई जिला स्तरीय शिक्षक तबादला सूची की पड़ताल में पाया कि डीईओ एचआर (deo Bastar) सोम ने अपने सगे भतीजे खगेश सोम को गांव से शहर लाने के लिए दो सूची जारी करवाई। किसी को पता ना चले कि डीईओ के खगेश भतीजे हैं इसलिए उनके नाम के बाद शिक्षक लिख दिया गया।

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जिला स्तरीय तबादला की दूसरी सूची में आठवें क्रम पर खगेश के नाम के बाद शिक्षक लिखा हुआ है। यहां पूरी तरह से शिक्षा विभाग की तरफ से की गई जालसाजी उजागर होती है। स्पष्ट है कि यह सब कुछ डीईओ के इशारों पर ही किया गया है। पूरी सूची में ५० नाम हैं और किसी भी शिक्षक के नाम के बाद सरनेम की जगह शिक्षक नहीं लिखा है। ऐसे में इसे लिपिकीय त्रुटि भी नहीं माना जा सकता है।

‘पत्रिका’ के हाथ जो दस्तावेज लगे हैं उसके अनुसार दूसरी सूची 24 जुलाई को जारी की गई जबकि इसे १२ जुलाई को जारी किया जाना था। जानकारों का इस पर तर्क है कि जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर जरूरत पड़े तो दूसरी सूची जारी की जा सकत है लेकिन इसमें बैक डेट क्यों उल्लेखित किया गया। यह जांच का विषय है।

ऐसे सुधारेंगे शिक्षा व्यवस्था
ट्रांसफर के जरिए ज्यादातर शिक्षकों को शहर लेकर आए डीईओ एचआर सोम ने कलक्टर के माध्यम से जो ट्रांसफर सूची जारी करवाई है। उसमें ज्यादातर शिक्षक ग्रामीण इलाकों से शहर आए हैं। जबकि ट्रांसफर को लेकर स्पष्ट गाइड लाइन जारी की गई है कि ग्रामीण इलाकों की शिक्षण व्यवस्था को प्रभावित किए बगैर ट्रांसफर करना है। इस गाइड लाइन को ताक पर रखकर पहली और दूसरी सूची जारी की गई और शहरी इलाके में ६० से ज्यादा शिक्षक लाए गए हैं। एक ओर डीईओ संलग्नीकरण खात्मे के जरिए जिले की शिक्षा व्यवस्था सुधारने की बात कहते हैं वहीं उन्हीं के द्वारा शिक्षकों को शहर और उसके आसपास के स्कूलों में लाना कई सवालों को खड़ा कर रहा है। शिक्षक संगठन पहले ही डीईओ पर ट्रांसफर उद्योग को बढ़ावा देने का आरोप लगा चुके हैं। ग्रामीण इलाकों के स्कूल पहले ही शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में वहां के शिक्षकों का ट्रांसफर करके डीईओ शिक्षा व्यवस्था को और ज्यादा चौपट कर रहे हैं। कई स्कूलों में तालाबंदी के हालात बने हुए हैं।

बास्तानार के ऐसे स्कूल से खगेश सोम का किया ट्रांसफर जहां अब एक ही शिक्षक बचा
खगेश सोम बास्तानार ब्लॉक के लालागुड़ा माध्यमिक शाला से जगदलपुर ब्लॉक के माध्यमिक शाला कंगोली लाया गया है। लालगुड़ा के लिए स्कूल से खगेश सोम का ट्रांसफर किया गया है। वहां अब एक ही शिक्षक रह गया है। जिस पर एक दिन में १८ कक्षा लेने का अव्यवहारिक बोझ डाल दिया गया है। एक ओर डीईओ जिले की शिक्षा व्यवस्था सुधारने की बात कह रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर उनके द्वारा ऐसे कई आदेश जारी किए गए हैं जिससे शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। खगेश सोम के बारे में जब पत्रिका ने पड़ताल की तो पाया कि वे पहले बास्तानार में बीआरसी थे और पिछले साल ही लालगुड़ा में पोस्टिंग हुई थी। उनका परिवार लंबे समय से बस्तर में रह रहा है। खगेश डीईओ सोम के स्व. बड़े भाई सुपुत्र हैं। इस मामले में जब हमने डीईओ सोम का पक्ष लेना चाहा तो उनका फोन लगातार व्यस्त आता रहा और उन्होंने हमें कॉल बैक भी नहीं किया।