जगदलपुर एयरपोर्ट में अब तक विजिबिलिटी से जुड़ी तकनीक का इंतजाम नहीं हो पाया
जगदलपुर। शहर के मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट से एलायंस एयर की पहली फ्लाइट का संचालन सिंतबर २०२० में हुआ था तब से आज तक फ्लाइट खराब मौसम में विजिबिलिटी की दिक्कत का सामना कर रही है। एयरपोर्ट के रनवे पर तीन साल बाद भी विजिबिलिटी से जुड़ी तकनीक का इंतजाम नहीं हो पाया है। एयरपोर्ट पर पॉपी लाइट से लेकर अन्य जरूरी उपकरण अब तक नहीं लग पाए हैं। इस बीच एयरपोर्ट प्रबंधन ने सेटेलाइट तकनीक से विजिबिलिटी की दिक्कत तो दूर करने की बात कही लेकिन इस पर भी अब तक काम नहीं हो पाया है। खराब मौसम होने पर यात्री जगदलपुर एयरपोर्ट के ऊपर आने के बाद भी लैंड नहीं हो पाते और विमान उन्हें लेकर या तो सीधे रायपुर चला जाता है या हैदराबाद। ऐसी स्थिति में यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉॅ. रमन सिंह ने भी पिछले दिनों बस्तर प्रवास के बाद एयरपोर्ट के मामले में पहल करते हुए केंद्रीय विमानन मंत्री और मुख्यमंत्री से यहां संसाधन में इजाफा करने की मांग की थी। इसके अलावा अन्य भाजपाई नेता भी समय-समय पर केंद्रीय विमानन मंत्रालय को पत्र लिखते रहे हैं लेकिन इसके बावजूद जगदलपुर एयरपोर्ट की स्थिति जस की तस है।
एलायंस के अलावा इंडिगो का भी संचालन फिर भी हालात जस के तस
एयरपोर्ट से आम लोगों के लिए जहां एलायंस एयर अपनी सेवा दे रही है तो वहीं इंडिगो भी सप्ताह में तीन दिन पैरामिलिट्री फोर्स को दिल्ली तक लेकर जा रही है। कई ऐसे मौके आते हैं जब एलायंस के साथ ही इंडिगो को भी खराब मौसम में अपनी सेवा यहां से रद्द करनी पड़ती है। पिछले तीन साल में यहां से यात्रियों का अच्छा रिस्पांस मिलने के बावजूद एलायंस एयर ने यहां से दूसरे रूट पर अपनी सेवा शुरू नहीं की है। इसका प्रमुख कारण यहां पर संसाधनों का अभाव होना है। बारिश के दिनों में यहां पर ५००० मीटर की विजिबिलिटी की बाध्यता के बीच पायलट को फ्लाइट लैंड करने में सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। इस समस्या को दूर करने के लिए अब तक कोई पहल नहीं हो पाई है।
पिछले साल पूरे सप्ताह के लिए एलायंस ने सेक्टर कर दिया था रद्द
पिछले साल लगातार बारिश होने की वजह से एलायंस एयर ने पूरे सप्ताह के लिए अपना सेक्टर कैंसिल कर दिया था। तब यहां से ना हैदराबाद फ्लाइट जा रही थी ना ही रायपुर। इस वजह से फ्लाइट से सफर का प्लान बना चुके लोगों को काफी परेशानी हुई थी। इस साल अब तक बारिश की ऐसा स्थिति नहीं बनी है। अगर इस बार भी ऐसी बारिश हुई तो एलायंस प्रबंधन इसी तरह का निर्णय ले सकता है। बारिश के अलावा इसी साल दो से तीन ऐसे मौके आए जब बारिश की वजह से फ्लाइट प्रभावित हुई है। उसे यहां लैंड किए बगैर या तो हैदराबाद रवाना कर दिया गया या रायपुर।
डीजीसीए भी कह चुका-एयरपोर्ट के विस्तार से ही आएंगी नई फ्लाइट
पिछले दिनों डीजीसीए ने जगदलपुर एयरपोर्ट को लेकर अपने एक सर्वे के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की थी और कहा था कि जब तक एयरपोर्ट का विस्तार नहीं होता तब तक यहां से नई फ्लाइट का संचालन संभव नहीं है। एयरपोर्ट का विस्तार तभी संभव है जब एयरपोर्र्ट कैंपस के बगल स्थित डीआरडीओ कॉलोनी को हटाया जाए। इसक बाद एयरपोर्ट में कई बड़े निर्माण करने होंगे, जिसमें रनवे का विस्तार भी शामिल है। रनवे का विस्तार होता है तो उसे विजिबिलिटी के संसाधनों से भी लैस किया जाएगा।
एयरपोर्ट को लेकर सिर्फ पत्राचार, अब तक कुछ भी ठोस नहीं हुआ
एयरपोर्ट में व्याप्त समस्याओं को दूर करने के लिए पिछले तीन साल में कई ऐसे मौके आए हैं जब भाजपा के नेताओं ने केंद्रीय विमानन मंत्री से पत्राचार किया है। एयरपोर्ट को लेकर हो रहे प्रयास सिर्फ पत्राचार तक ही सीमित नजर आ रहे हैं। अब तक यहां की समस्या को दूर करने के लिए ना ही भाजपा ने ना ही कांग्रेस ने कुछ ठोस किया है। नेताओं को दिल्ली से आश्वासन भी मिले लेकिन ऐसे सभी आश्वासन अब तक हवा-हवाई ही साबित हुए हैं।