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हर मां बाप की चाह है श्रवण जैसे बेटे की लेकिन बस्तर का सुकालू और उसकी पत्नि भी नहीं हैं श्रवण से कम

घर में लगातार तीन मौत देख बेटे ने ठानी श्रवण बनने की,दो बार इंद्रावती पार कर कांवण से ही उठा ले आए पिता को अस्पताल ताकि पिता को मरते हुए ना देखे

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 बस्तर का सुकालू और उसकी पत्नि भी नहीं हैं श्रवण से कम

बस्तर का सुकालू और उसकी पत्नि भी नहीं हैं श्रवण से कम

जगदलपुर/लोहांडीगुड़ा. लोहण्डीगुड़ा ब्लाक के ग्राम चंदेला के आश्रित गांव अमलीधार में बीते छह दिनों में 5 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें से तीन एक ही परिवार के सदस्य हैं। वहीं दो दादी और पोता थे। बीमारी से मौत होने वालों में नीलदेई, सोनमती, मानकू, ईश्वर और सुखदेई हैं। वहीं 15 ग्रामीणों को बीमार पाए जाने के बाद बिंता व लोहाण्डीगुड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती है। इनमें से एक मंगलूराम की हालत गंभीर से महारानी अस्पताल भर्ती कराया गया है। विगत 11 अगस्त से इस गांव में प्रतिदिन एक व्यक्ति की मौत हुई है। एेसे में ग्रामीणों इस अज्ञात बीमारी को लेकर भयभीत हैं।

पिता को कावड़ में लेकर निकल पड़े
सुकालू ने बताया कि बीते दिनों परिवार के तीन सदस्यों की एक के बाद एक मौत होते देखा है। अब वह अपने पिता को मरता हुआ नहीं देख सकता है। उसने अपनी पत्नी के साथ मिलकर पिता मंगलू को डॉक्टर के पास इलाज के लिए लेकर जाने का फैसला किया और पिता को कावड़ में लेकर निकल पड़े। वाहन का साधन नहीं होने के चलते करीब डेढ़ घंटे का पैदल सफर कर सामने आने वाली इंद्रावती नदी को दो बार डोंगा के सहारे पार करने के बाद उन्होंने मंगलू को बिंता गांव स्थित सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया।

डॉक्टर्स की टीम पहुंची गांव
सीएमएचओ देवेन्द्र नाग की नेतृत्व में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम डोंगी से नदी पार कर अमलीधार पहुंची। अमले में नोडल अधिकारी विरेन्द्र सिंह ठाकुर, जिला मीडिया अधिकारी अनंत महतो, बीएमओ नारायण नाग और डॉक्टर नीरज कश्यय सहित स्टाफ शामिल था। वहां ग्रामीणों की जांच के बाद 15 लोग बीमार मिले। शाम को अधिकारियों का दल लौट आया, लेकिन डॉ. अरविंद साहू के नेतृत्व में पांच सदस्यीय दल वहां रुका हुआ है।

पिता, दादा और भाभी की हुई मौत
महारानी अस्पताल में भर्ती मंगलूराम के बेटे सुकालू ने बताया कि पिछले गुरुवार को भाभी सोनमती को तेज बुखार के साथ उल्टी-दस्त होनी लगी। इसके अगले दिन ही शुक्रवार सुबह घर पर उसकी मौत हो गई। अब उसकी मां नीलदेई और दादा मानकू की बीमार पड़ गए। नीलदेई की रविवार और मानकू की सोमवार को मौत हो गई। दादा, मां और भाभी की मौत के बाद अब पिता भी बीमार हो गया। जिनका इलाज महारानी अस्पताल में चल रहा है।

दादी-पोते की भी गई जान
कोण्डागांव के कुदूर में रहले वाले पोते विशनाथ (9) और दादी सुखदेई (55) की भी अज्ञात बीमारी ने जान ले ली। यह दोनों कुछ समय चंदेला में ही रह रहे थे। बीमार पडऩे के बाद विसनाथ को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां स्वस्थ होने के बाद जब वह अपनी दादी सुखदेई से मिलने पहुंचा था। जिसके अगले दिन 15 अगस्त को सुबह 10 बजे उसकी मौत हो गई। वहीं 16 अगस्त को बैगा के पास इलाज करा रही उसकी दादी सुखदेई ने भी अंतिम सांस ली।

डॉक्टर्स की टीम पहुंची गांव
सीएमएचओ देवेन्द्र नाग की नेतृत्व में मंगलवार को विभाग की टीम डोंगी से नदी पार कर अमलीधार पहुंची। अमले में नोडल अधिकारी विरेन्द्र सिंह ठाकुर, जिला मीडिया अधिकारी अनंत महतो, बीएमओ नारायण नाग और डॉक्टर नीरज कश्यय सहित स्टाफ शामिल था। वहां ग्रामीणों की जांच के बाद 15 लोग बीमार मिले। शाम को अधिकारियों का दल लौट आया, लेकिन डॉ. अरविंद साहू के नेतृत्व में पांच सदस्यीय दल रुका हुआ है।

पांच दिन तक लगाया जाएग कैम्प
सीएमएचओ देवेन्द्र नाग ने बताया कि लगातार ग्रामीणों की मौत का पता लगने के बाद स्वास्थ्य अधिकारी और डॉक्टर्स की टीम चंदेला गांव में 24 घंटे कैंप लगाकर मरीजों की जांच कर रहे हैं। पांच दिनों तक इस गांव में कैंप लगाते हुए प्रत्येक मरीज की जांच की जाएगी। बीमार पाए जाने पर दवाइयां और इलाज के इंतजाम किए गए हैं। मरीजों को जल्द से जल्द इलाज मुहैया कराए जा इसके लिए एक 102 वाहन को भी बिंता में ही रखा गया है।

फूड प्वाइजनिंग
लोहांडीगुड़ा बीएमओ डॉ. नारायण नाग ने बताया कि उल्टी दस्त व मलेरिया के मरीज अधिक पाए गए हैं। प्रथम दृष्टया मौत की वजह फूड प्वाइजनिंग हो सकती है। गांव में पीने के पानी का सैम्पल भी लिया है। गांव में कैम्प के अलावा आसपास के गांवों के लोगों की भी जांच की जाएगी। कैम्प में जांच के दौरान 3-3 मरीज उल्टी दस्त व मलेरिया के और बाकी अन्य बीमारी से पीडि़त है।

इनकी गई जान
11 अगस्त - सोनमती (32)
13 अगस्त - नीलदेई (50)
14 अगस्त - मानकूराम (65)
15 अगस्त - विसनाथ (9)
16 अगस्त - सुखदई (55)