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6 साल से बना नहीं गोकुल नगर, सड़कों पर अभी भी कायम है इनका राज, जाने क्या है असली कारण

आवारा मवेशियों को देखते हुए छह साल पूर्व राज्य शासन ने गोकुल नगर की योजना बनाई थी। जगदलपुर नगरीय निकाय में योजना परवान नहीं चढ़ सका।

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Cattle will not wander for fodder, 14 cows will be built from four crores, will own their own pasture

Cattle will not wander for fodder, 14 cows will be built from four crores, will own their own pasture

जगदलपुर. शहर में आवारा मवेशी जहां लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं, वहीं हादसों के शिकार भी हो रहे हैं। लेकिन इसकी परवाह करने के बजाय नगर निगम कुंभकरणीय नींद में सो रहा है। आवारा मवेशियों को लेकर राज्य सरकार की 2010-11 में बनाई गई गोकुल नगर की योजना अब तक ठंडे बस्ते में हैं। भाजपा के बाद कांग्रेस महापौर के कार्यकाल में भी यह योजना विफल साबित होती दिख रही है।

जमीन का स्थायी चयन नहीं होना मुख्य वजह
शहर के आवारा मवेशियों से ट्रैफिक में आने वाले गतिरोध को देखते हुए छह साल पूर्व राज्य शासन ने गोकुल नगर की योजना बनाई थी। जिसके पहले चरण में आठ में से सात नगरीय निकायों में यह योजना पूरी हो चुकी है, लेकिन जगदलपुर नगरीय निकाय में गोकुल नगर की योजना परवान नहीं चढ़ सका है। गोकुल नगर को लेकर जमीन का स्थायी चयन नहीं हो पाना भी इसकी मुख्य वजह है।

ग्राम पंचायत परपा में भूमि आरक्षित करने की बात
पिछले भाजपा कार्यकाल में ही हाटकचोरा में गोकुल नगर के लिए 8.5 एकड़ जमीन आरक्षित करने का प्रस्ताव था। जिसका विस्तृत प्रोजेक्ट बनाकर शासन को भेजा गया था। वहीं अब कांग्रेस कार्यकाल में गोकुल नगर के लिए ग्राम पंचायत परपा में भूमि आरक्षित करने की बात कही जा रही है। भूमि चयन को लेकर नगर निगम की अनदेखी और लेटलतीफी के चलते गोकुल नगर की नींव आज तक नहीं रखी जा सकी है। एेसा ही रहा तो निगम की लेटलतीफी के चलते गोकुल नगर एक सपना ही बनकर रह जाएगा। जबकि इसकी लागत 2 करोड़ रुपए से बढ़ाकर वर्तमान में 3 करोड़ करते हुए बजट में शामिल किया जा चुका है।

योजना में ये शामिल
योजना के तहत शहर में संचालित हो रहे सभी डेयरियों को शहर के बाहर एक जगह देना है, जिसका नाम गोकुल नगर होगा। यहां सड़क-नाली का निर्माण, विद्युत व पान की पर्याप्त व्यवस्था की जानी है। इसके साथ ही 24 घंटे पशु चिकितस्कीय सेवा के इंतजाम। मवेशियों के गोबर बायो गैस प्लांट की भी स्थापना करनी है। इसमें एक डेयरी संचालक प्रतवेशी 100 वर्ग फीट के मान से डेयरी संचालकों को अधिकतम 10 हजार वर्ग फीट जगह उपलब्ध कराया जाना है। डेयरी संचालक अधिकतम 200 मवेशी रख सकता है।

मवेशियों को रखने पर विचार
निगम आयुक्त एके हालदार ने बताया कि शहर से बाहर ग्राम पंचायत परपा में गोकुल नगर बनाए जाने हेतु क्षेत्र चयन किया गया है। जहां फिलहाल क्षेत्र की फेंसिंग से घेराबंदी कर मवेशियों को रखने पर विचार किया जा रहा है।