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आमा तिहार व माटी पूजा के बाद ही इस बस्तर में खाया जाता है पहला आम, जानिए इससे जुड़ी बातें

बस्तर के आदिवासियों का पूरा जीवन माटी से ही जुड़ा होता है। शुक्रवार को शहर से सटे मारेंगा गांव के ग्रामीणों ने माटी तिहार मनाने के बाद आम तिहार मनाया।

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आमा तिहार व माटी पूजा के बाद ही इस बस्तर में खाया जाता है पहला आम, जानिए इससे जुड़ी बातें

जगदलपुर. बस्तर के आदिवासियों का पूरा जीवन माटी से ही जुड़ा होता है। शुक्रवार को शहर से सटे मारेंगा गांव के ग्रामीणों ने माटी तिहार मनाने के बाद आम तिहार मनाया। सबसे पहले आम की पूजा की। इसके बाद रस्म के हिसाब से बड़े मारेंगा के तालाब में मछली पकडऩे पहुंचे। इस दौरान यहां बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे है। गौरतलब है कि इस दिन मछली आम की सब्जी बनाई जाती है।

बली दिये गये जीवों को पकाकर आपस में वितरित करते हें
दरअसल माटी तिहार के दिन ग्रामीण अपनी माटीदेव की पूजा अर्चना करते हैं तथा अपने खेत के लिए बीज धान निकालकर पलास के पत्तों से पोटली बनाकर रख लेते हैं। इन छोटे-छोटे बीज के पोटली को ग्रामवासी माटी देव स्थल एकत्र करके अपने माटीदेव की पूजा करते हैं। इस दिन सामूहिक रूप से बली दिये गये जीवों को पकाकर आपस में वितरित करते हें। जिसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण करते हैं।

पहले इष्ट देवता को अर्पित होता है आम
वहीं आम तिहार इस त्यौहार में बस्तर के आदिमजन बिना इष्ट देवी-देवताओं को चढ़ाये आम खाने की शुरूआत नहीं करते। इस दिन आम तोडक़र पहले अपने इष्ट देवी- देवताओं को समर्पित करता है इसके बाद पूरा गांव आम खाना प्रारंभ करता है।