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जगदलपुर-रावघाट रेलमार्ग मामला: अब बस्तर बंद और रेल रोको आंदोलन की हो रही तैयारी, आर-पार के मुड में बस्तरवासी

Jagdalpur-Rawghat Project: बस्तरवासियों का रेल का सपना पूरा होने का नाम नहीं ले रहा है। बस्तर में रेल सेवा को लेकर रेलवे मंत्रालय गंभीर नहीं है, तभी तो पीएम मोदी की महत्वकांक्षी योजना दल्लीराजहरा-जगदलपुर रेल मार्ग सालों से अधूरा पड़ा है। मालूम हो कि 28 साल पहले इसे रेल बजट में शामिल किया गया था।

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जगदलपुर-रावघाट रेलमार्ग मामला

जगदलपुर-रावघाट रेलमार्ग

Jagdalpur-Rawghat Project: बस्तरवासियों का रेल का सपना पूरा होने का नाम नहीं ले रहा है। बस्तर में रेल सेवा को लेकर रेलवे मंत्रालय गंभीर नहीं है, तभी तो पीएम मोदी की महत्वकांक्षी योजना दल्लीराजहरा-जगदलपुर रेल मार्ग सालों से अधूरा पड़ा है। मालूम हो कि 28 साल पहले इसे रेल बजट में शामिल किया गया था। लेकिन अब तक इसका काम पूरा होना तो छोड़िए शुरू भी नहीं हो पाया है।

पहले फेस का काम भी अभी तक सिर्फ ताड़ोकी तक ही हुआ है। इसे रावघाट(Jagdalpur-Rawghat Project) तक पहुंचने में अभी भी 30 किमी और काम करना है। जबकि यह फेस मात्र 90 किमी का था। ऐसे में बस्तरवासी आक्रोशित है और उन्हें लग रहा है कि दूसरे फेस का काम पूरा करने में कहीं रेलवे को इतना ही समय और न लग जाए।


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कागजों में उलझकर रह गई परियोजना
रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन (Jagdalpur-Rawghat Project) को लेकर बस्तरवासियों का सपना कोई 5 से 10 साल पुराना नहीं है बल्कि यह 28 साल पुराना सपना है। जिसे रेलवे ने दिखाया तो जरूर लेकिन पुरा करने की दिशा में काम नहीं किया। अब राजधानी तक रेल लाइन का सपना जुमला सा लगने लगा है।

दरअसल, पहली बार इस दल्लीराजहरा-रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन (Jagdalpur-Rawghat Project)को वर्ष 1995-96 के बजट में शामिल किया गया था। इस समय से ही बस्तर के लोग इसके पूरा होने का सपना देख रहे हैं। लेकिन जगदलपुर तक तो छोड़िए पहले फेस में रावघाट तक का काम भी पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में अब बस्तर के लोग आर-पार के मूड में है। यही वजह है कि यहां के लोगों ने अब आंदोलन की राह पकड़ ली है।

इरकॉन-बीआरपीएल के बीच फंसा पेंच
बीआरपील के अधिकारियों ने बताया कि मामला इरकॉन के पास लंबित है। उन्हें कई पत्र लिखे गए हैं। चर्चा कर रहे हैं लेकिन रेल लाइन से जुड़े दस्तावेज अभी तक नहीं सौंपे है। दूसरी तरफ डीआरएम संजीव कुमार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बहुत ही साफ शब्दों में कहा कि हमारे पास रावघाट से जगदलपुर तक रेल लाइन बनाने के न तो कोई आदेश है और न ही कोई निर्देश, आपको ये रेल लाइन चाहिए तो रेलवे बोर्ड से संपर्क करें। अभी ये कार्य इरकॉन देख रहा है और हमें जानकारी है कि उसने कार्य करने में असमर्थता दिखाई है, आगे की स्थिति के बारे में कोई जानकारी हमें नहीं है। कुल मिलाकर अब पूरा मामला चाहे दस्तावेज देने का हो या कार्य करने का वो कागजी कारवाही में ही उलझकर रह गया है।


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2023-24 के रेल बजट में 500 करोड़ का प्रावधान
बस्तर को राजधानी से रेल लाइन के जरिए जोडऩे के लिए लंबे समय से बस्तरवासी प्रयासरत हैं। इसके लिए आंदोलन से लेकर कई चरणों में शासन से पत्राचार भी हो चुका है। लेकिन इसके बाद भी इस रूट पर काम शुरू नहीं हुआ था। जिसे लेकर बस्तरवासियों में काफी आक्रोश था। इस बजट में 500 करोड़ की राशि आबंटित होने के बाद भी लोग संशय में थे। अब जब यह प्रोजेक्ट रेलवे बोर्ड के पास जाने की खबरें आ रही हैं तो फिर से स्थानीय लोगों के विश्वास जगा है कि अब इस दिशा में काम आगे बढ़ेगा। लेकिन अभी भी लेटलतीफी चल रही है।