
मेडिकल कॉलेज को नहीं मिला रहा रेडियोलॉजिस्ट दो महीने से सीटी स्कैन जांच बंद, मरीज परेशान
जगदलपुर. मेडिकल कॉलेज को रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर ही नहीं मिल रहा रहा है। करीब दो महीने से सीटी स्कैन जांच भी बंद पड़ा है। इससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। पूरे बस्तर में सिर्फ मेडिकल कॉलेज में ही सरकारी हॉस्पिटल में सीटी स्कैन मशीन उपलब्ध है। ऐसे में अब यहां जांच बंद होने पर मरीजों को सीटी स्कैन के लिए निजी सेंटरों में जाना पड़ रहा है। जहां पर उन्हें जांच के लिए तीन से चार गुना रुपए खर्च करना पड़ रहा है।
मेडिकल कॉलेज में पदस्थ रेडियोलॉजिस्ट डॉ. महेंद्र टंडन ३ जनवरी को काम छोड़कर चले गए। डॉ. टंडन के जाने के बाद यहां पर अब तक कोई दूसरा रेडियोलॉजिस्ट नहीं आया। मेडिकल कॉलेज में सीटी स्कैन के साथा ही सोनोग्राफी की जांच में भी दिक्कत होगी। रेडियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. आरके सिंह सोनोग्राफी तो कर रहे हैं, लेकिन रिपोर्ट सिर्फ रेडियोलॉजिस्ट ही तैयार कर सकते हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को अब सोनोग्राफी के लिए महारानी अस्पताल व प्राइवेट हॉस्पिटल जाना पड़ रहा है। दो महीने बाद भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन दूसरे रेडियोलॉजिस्ट की व्यवस्था नहीं कर पाया। इस तरह मेकॉज प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा अब बस्तर के गरीब मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
रेडियोलॉजिस्ट के 8 पद स्वीकृत सभी खाली
मेडिकल कॉलेज में रेडियोलॉजिस्ट के 8 पद स्वीकृत है। अब डॉ. टंडन के जाने के बाद पूरे पद खाली हो गए हैं। ज्ञात हो कि स्वास्थ्य मंत्री के फटकार के बाद मेकाज प्रबंधन ने आनन-फानन में रेडियोलॉजिस्ट की भर्ती कर सीटी स्कैन जांच शुरू किया था, जो अब फिर से डॉक्टरों की कमी की वजह से बंद हो गया है। यहां पर टेक्निशियन सीटी स्कैन तो कर देंगे, लेकिन रिपोर्ट के बीना मरीजों का इलाज नहीं हो पाएगा।
रोजाना 15 से 20 मरीजों का होता है जांच
मेडिकल कॉलेज में रोजाना १५ से २० मरीजों का सीटी स्कैन किया जाता है। वहीं सोनोग्राफी के लिए ७० से ८० मरीज आते हैं, लेकिन यहां पर स्टाफ की कमी की वजह से सिर्फ ३० से ३५ मरीजों का ही सोनोग्राफी हो पाता है। डॉ. टंडन के जाने के बाद इन मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है। सबसे ज्यादा हेड इंज्यूरी के मरीजों को परेशानी हो रही है।
डिजिटल एक्स-रे के लिए सेटअप ही तैयार नहीं
चार सौ करोड़ रुपए के मेडिकल कॉलेज में डिजिटल एक्स-रे का सेटअप ही नहीं बनाया गया है। यहां पर तीन मैनुअल एक्स-रे से ही काम लिया जा रहा है। ऐसे में यहां पर एक्सीडेंट वाले ज्यादातर मरीजों का सीटी स्कैन किया जाता है। अब यह सुविधा भी मिलना बंद हो गया है। यदि मेकाज प्रबंधन डिजिटल एक्स-रे की खरीदी भी कर ले तो, सेटअप नहीं होने की वजह से मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा।
Published on:
04 Mar 2020 12:19 pm
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