
अधिक किराया व दुर्व्यवहार के बावजूद सफर करने बेबस बस्तर के बस यात्री
संचालकों के समक्ष प्रशासन ने टेका घुटना
अंतरराज्यीय बस स्टैंड से गुजरने वाले सैकड़ो वाहनों में यात्रियों को होने वाली कई असुविधाओं को लेकर लगातार शिकायत के बावजूद जिस तरह प्रशासन सुस्त रवैया अपनाया है इससे तो यही लगने लगा है कि निजी बस संचालकों के सामने प्रशासन ने घुटने टेक दिए हैं। यहां कोरोना काल के बाद जिस तरह बस संचालकों ने मनमानी शुरू की है वह लगातार बढ़ते ही जा रहा है। यात्रियों को किसी तरह का राहत नहीं मिल पा रहा है।
बस यात्रियों से बदसलूकी चरम पर
सड़क मार्ग के एकमात्र विकल्प के रूप में चल रहे यात्री बसों में यात्रियों से आये दिन बदसलूकी होती रहती है। इस दौरान बस चालक व परिचालकों द्वारा बस से उतार देने व सामान फेंक देने की धमकी आम होती है। कई बार यात्रियों से हाथापाई भी होने की खबर मिलती है लेकिन प्रशासन शिकायत नहीं मिलने का बहाना बना कर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहती है। यही वजह है कि आये दिन यात्रियों को परिवार सहित कई बार अपमानित होना पड़ता है। पिछले महीनों में जगदलपुर से हैदराबाद तक चलने वाली यात्री बस के हेल्पर और ड्राइवर द्वारा यात्रियों से मारपीट का मामला सामने आया था इस मामले में अभी तक बस संचालक पर किसी तरह की कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। जगदलपुर से हैदराबाद तक चलने वाली एक यात्री बस के ड्राइवर और हेल्पर ने शौच जाने के दौरान लेट होने की बात पर एक ग्रामीण यात्री की जमकर पिटाई कर दी। इस बीच झगड़े में बीचबचाव करने आये एक अन्य यात्री को भी इस दौरान एक अन्य यात्री भी हेल्पर और ड्राइवर ने हाथापाई किया।
गंतव्य स्थान पर नहीं रोकते बस
गत बुधवार को जगदलपुर से दुर्ग के लिए निकली दुबे ट्रेवहल्स की बस क्रमांक सीजी 04 इए 6282 कोंडागाँव से चार यात्रियों को बिठाया इन लोगों को माकड़ी उतरना था। बिठाते समय बकायदा इनकी टिकट भी माकड़ी तक का लिया गया लेकिन बस माकड़ी में कहने पर भी नहीं रोकी गई। कारण बस का टाइमिंग खत्म हो गया था। बार बार यात्रियों के द्वारा निवेदन करने पर भी यह बस अंधाधुंध तेज रफ्तार में 15 किमी दूर अगले गांव में रुकी। इन यात्रियों में एक छोटे से दुधमुहे बच्चे के साथ महिला भी थी लेकिन इस बस के चालक और परिचालक को जरा भी दया नहीं आई। इस तरह की मामले आये दिन आते हैं। बस सवारी के लिए कहीं भी बसों को रोक लेते हैं लेकिन उतारते समय यात्रियों से दुर्व्यवहार करते हैं। निश्चित जगह पर बस खड़ी नहीं करते।
सुधार के नाम पर होती है सिर्फ चालान
बस यात्रियों को बस संचालकों अथवा सफर के दौरान होने वाली परेशानियों की लगातार खबर के बाद परिवहन विभाग सिर्फ बसों पर चालान कर कार्यवाही की खानापुर्ति कर लेता है। इस चालान के बाद व्यवस्था सुधरने के बजाय बस संचालकों द्वारा और अधिक स्वछंद होकर नियमाें की धज्ज्यां उड़ाते हुए मनमानी किया जाता है।
Published on:
05 Jan 2023 11:36 pm
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