
Navratri 2024: अश्विन माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को मनाया जाने वाला शारदीय नवरात्रि की शुरूआत गुरूवार 3 अक्टूबर को हो रही है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इन नौ दिनों के दौरान मां पृथ्वी पर ही निवास करती हैं और अपनी भक्तों के हर एक कष्ट को हरने के साथ सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद देती है।
नवरात्र में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की नौ दिनों तक पूजा व व्रत का विधान है। नवरात्र पर हस्त और चित्रा नक्षत्र पर इंद्र योग और शिववास योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही मां दुर्गा पालकी पर सवार होकर आयेगी।
ज्योतिषाचाय पंडित दिनेश दास ने बताया कि देवीपुराण के अनुसार, गुरुवार और शुक्रवार के दिन मां डोली पर सवार होकर आती हैं। अत: जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा शारदीय नवरात्र में डोली पर सवार होकर आएंगी। ज्योतिषियों की मानें तो मां दुर्गा का डोली पर सवार होकर आना सुखद नहीं होता है। इससे मानव जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अराजकता जैसी स्थिति रह सकती है। ऐसे में लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है।
देवी पुराण के अनुसार, गुरूवार को डोली पर आगमन के साथ ही शनिवार के दिन मां दुर्गा चरणायुध होकर जाएंगी। मां दुर्गा का चरणायुध प्रस्थान करना भी शुभ नहीं होता है। इससे मानव जीवन पर बुरा असर पड़ सकता है। दुख एवं अशांति की स्थिति पैदा हो सकती है। मां का डोली पर आगमन और चरणायुध होकर प्रस्थान करने से देश और दुनिया पर अशुभ प्रभाव पड़ सकता है।
Navratri 2024: घटस्थापना मुहूर्त 3 अक्टूबर की सुबह 6 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 22 मिनट तक है। वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक है। इन योग में घटस्थापना कर मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं।
Updated on:
30 Sept 2024 07:09 pm
Published on:
30 Sept 2024 07:07 pm
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