जगदलपुर

बस्तर की बेटी नीलोफर का यूपीएससी में हुआ चयन, IES की परीक्षा में पाई पूरे देश में नौवीं रैंक

Neelofar Khan: बस्तर की बेटियां लगातार कमाल कर रही हैं। हर क्षेत्र में हमारी बेटियां उपलब्धि पा रही हैं। इस बार शहर के पथरागुड़ा की रहने वाली नीलोफर खान ने देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी को शानदार रैंक के साथ पास कर लिया है।

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बस्तर की बेटी नीलोफर

Neelofar Khan: बस्तर की बेटियां लगातार कमाल कर रही हैं। हर क्षेत्र में हमारी बेटियां उपलब्धि पा रही हैं। इस बार शहर के पथरागुड़ा की रहने वाली नीलोफर खान(Neelofar Khan) ने देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी को शानदार रैंक के साथ पास कर लिया है। नीलोफर ने यूपीएससी के द्वारा इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस के लिए ली जाने वाली आईईएस की परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की और पूरे देश में नौंवा रैंक हासिल किया।

यह एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि बस्तर से आज तक इस प्रतिष्ठित परीक्षा में किसी को यह रैंक नहीं मिली है। बस्तर से अब तक करीब आधा दर्जन युवा इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस के लिए चुने गए हैं लेकिन उनकी रैंक टॉप टेन में नहीं रही है। निलोफर शुरुआत से ही मेधावी छात्रा रही हैं, उनकी पढ़ाई निर्मल विद्यालय में हुई है। उनका सफर बेहद प्रेरणादायी है।

नीलोफर (Neelofar Khan)के पिता अब्दुल हमीद खान सीएएफ में प्लाटून कमांडर के पद पर कार्यरत हैं तो वहीं मां सुगरा खान सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। वे एक मीडिल क्लास परिवार से आती हैं और इसके बावजूद उन्होंने अपना संघर्ष जारी रखा और अपनी योग्यता के अनुरूप 2019 से तैयारी जारी रखी। 2017 में वे जगदलपुर के गवर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की।

इसके बाद 2019 में दिल्ली जाकर अपनी तैयारी शुरू की। वहां एक साल रही और फिर वापस जगदलपुर आ गई और सेल्फ स्टडी शुरू की। एक बार प्री नहीं निकला तो वहीं दूसरे बार प्री और मेंस निकलने के बाद इंटरव्यू क्लियर नहीं हो पाया लेकिन इस साल 23 दिसंबर को जो रिजल्ट आया उसने निलोफर की सारी मेहनत को सफल कर दिया। नीलोफर ने इस बार पूरे देश में नौवीं रैंक हासिल करने का रिकॉर्ड बना दिया। ऐसा करने वाली पूरे बस्तर संभाग में इकलौती युवा हैं। टॉप टेन में निलोफर का नाम आने के बाद स उनके परिवार में माता-पिता और एक भाई के अलावा दोस्तों मे खुशी का माहौल है। निलोफर अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं।

पैरेंट्स से सब शेयर किया इसलिए मिली सफलता
नीलोफर (Neelofar Khan)कहती हैं कि उन्होंने अपनी तैयारी के दौरान माता-पिता को सब कुछ बताया। कम नंबर आने पर भी और ज्यादा नंबर आने पर भी वे अपने पैरेंट्स को सब बताती थीं। नीलोफर कहती हैं कि जब आपके पैरेंट्स आपके बारे में सब कुछ जानते हैं तो वे आपको सही तरह से गाइड करते हैं। उन्हें कभी भी अंधेरे में ना रखें। निलोफर कहती हैं कि उनकी सफलता का एक बड़ा कारण यही है कि उनके पैरेंट्स उनके बारे में सब कुछ जानते थे और उसी के अनुसार सही सलाह देते थे। वे कहती हैं कि बस्तर के युवा में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। बस उन्हें सही रास्ता दिखाने वाला कोई होना चाहिए।

नीलोफर(Neelofar Khan) ने अपनी सफलता की कहानी बयां करते हुए पत्रिका को बताया कि 2019 के बाद 2020 में जब वे जगदलपुर वापस लौटी तो उन्होंने अपने दिल्ली के नोट्स से सेल्फ स्टडी शुरू की। उन्हें घर पर माहौल नहीं मिल रहा था तो वे लाला जगदलपुरी लाइब्रेरी पहुंची और यहीं तीन साल तक दिन-रात तैयारी की। सुबह 11 बजे दाखिल होती थी और रात 11 बजे बाहर निकलती थीं। नीलोफर(Neelofar Khan) बताती हैं कि उनके पास स्टडी मटेरियल तो था लेकिन लाइब्रेरी की वजह से उन्हें पढऩे का माहौल मिला और लिखने की प्रैक्टिस भी यहां बेहतर तरीके से हो पाई।

नीलोफर(Neelofar Khan) बताती हैं कि तैयारी के दौरान फोन के साथ ही परिवार और दोस्तों से उन्होंने खुद को अलग कर लिया। वो बस एग्जाम खत्म होने पर ही थोड़े वक्त का गैप लेती थीं उसके बाद फिर तैयारी में जुट जाती थीं। निलोफर कहती हैं कि ऐसे एग्जाम को क्लियर करने के लिए आपको मेहनत तो करनी पड़ती है।

Published on:
25 Dec 2022 01:47 pm
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