
Land Registry New Rule in CG: राज्य सरकार ने संपत्ति खरीदने वाले मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। अब किसी भी प्रापर्टी की खरीद-बिक्री में गाइड लाइन दर से सौदे की रकम अधिक होने पर भी रजिस्ट्री शुल्क गाइड लाइन दर के अनुसार ही लिया जाएगा। इससे बैंक लोन पर निर्भर मध्यम वर्गीय परिवार को वास्तविक मूल्य के आधार पर ऋण मिल सकेगा। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ था।
इससे विशेषकर उन नागरिकों को लाभ होगा, जो बैंक लोन पर संपत्ति खरीदते हैं। पूर्व में संपत्ति की खरीद-बिक्री में गाइड लाइन दर और सौदे की राशि में जो भी अधिक होता था, उस पर रजिस्ट्री शुल्क देना आवश्यक था। इस संशोधन से मध्यम वर्गीय परिवारों को वास्तविक मूल्य के आधार पर अधिक बैंक ऋण प्राप्त करने में सहूलियत होगी। इसके अलावा यह निर्णय प्रॉपर्टी मार्केट में पारदर्शिता व स्पष्टता को बढ़ाने में भी सहायक होगा। इससे वास्तविक मूल्य दर्शाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा।
Land Registry New Rule in CG: वर्तमान में किसी संपत्ति का सौदा मूल्य सामान्यत: गाइडलाइन मूल्य से बहुत ज्यादा होता है। लोग गाइडलाइन मूल्य या इसके आसपास का ही सौदा मूल्य अंकित करते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि अगर वास्तविक सौदा राशि अंकित कर देंगे, तो पंजीयन शुल्क गाइड लाइन मूल्य या वास्तविक सौदा राशि दोनों में से जो ज्यादा हो उस पर लगेगा। अधिक पंजीयन शुल्क से बचने के लिए लोग गाइडलाइन कीमत या इसके आसपास पूर्णांकित करते हुए सौदा मूल्य डाल देते हैं।
यदि किसी संपत्ति का गाइड लाइन मूल्य 10 लाख रुपए है और उसका सौदा 15 लाख में हुआ, तो रजिस्ट्री शुल्क 15 लाख पर 4 प्रतिशत के हिसाब से 60 हजार रुपए देना पड़ता था। इस नियम में संशोधन के बाद संपत्ति खरीदने वाले अब सौदे की रकम गाइड लाइन दर से अधिक होने पर भी वास्तविक मूल्य को अंकित कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें कोई रजिस्ट्री शुल्क नहीं देना होगा। 10 लाख रुपए की गाइड लाइन मूल्य वाली प्रॉपर्टी का सौदा 15 लाख में होता है, तो भी रजिस्ट्री शुल्क 10 लाख के 4 प्रतिशत के हिसाब से 40 हजार रुपये देय होगा। इस तरह 20 हजार रुपए की बचत होगी।
सरकार की इस पहल का सीधा लाभ सभी मध्यमवर्गीय परिवारों को मिलेगा। इसकी वजह यह कि मध्यमवर्गीय परिवार संपत्ति खरीदने के लिए बैंक लोन पर निर्भर रहते हैं। बैंक लोन रजिस्ट्री पेपर में दिखाए गए सौदे के रकम के आधार पर मिलता है। लोग पंजीयन शुल्क से बचने के लिए गाइडलाइन कीमत के बराबर सौदा मूल्य दिखाते हैं। कम सौदा कीमत दिखाएं जाने से बैंक लोन भी कम मिलता है। इस नीति से आमजनों को न्यायिक प्रकरणों में भी संपत्ति का वास्तविक मूल्य प्राप्त होगा। यदि कभी संपत्ति में कुछ धोखाधड़ी पायी गई तो व्यक्ति विक्रेता से वही मुआवजा पाने का हकदार होता है, जो रजिस्ट्री पेपर में लिखा हुआ होता है। संपत्ति का सही मूल्य रजिस्ट्री में अंकित होने से प्रभावित व्यक्ति को उसका सही मुआवजा प्राप्त हो पाएगा।
यह निर्णय प्रॉपर्टी मार्केट में बूम लेकर आएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर ज्यादा लोन मिलेगा तो लोग आसानी से खरीदी के लिए आगे आएंगे। अब तक लोग सौदे पर रजिस्ट्री होने से लोन ज्यादा नहीं ले पाते या कहें उन्हें ज्यादा लोन नहीं मिल पाता था लेकिन सरकार की इस पहल के बाद अब लोगों को ज्यादा लोन मिलेगा और प्रॉपर्टी की खरीदी-बिक्री भी बढ़ेगी।
Updated on:
21 Nov 2024 02:16 pm
Published on:
21 Nov 2024 02:12 pm
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