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मेकाज में टाईफाइट और वीडीआरएल जांच के लिए कीट नहीं, मरीजों का नहीं हो पा रहा इलाज

जांच नहीं होने के कारण मरीजों के इलाज में काफी दिक्कत हो रही

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मेकाज में टाईफाइट और वीडीआरएल जांच के लिए कीट नहीं, मरीजों का नहीं हो पा रहा इलाज

मेकाज में टाईफाइट और वीडीआरएल जांच के लिए कीट नहीं, मरीजों का नहीं हो पा रहा इलाज

जगदलपुर.
मेडिकल कॉलेज में इन दिनों मरीजों का टाईफाइट और वीडीआरएल की जांच नहीं हो पा रही है। दरअसल यहां पर इसकी जांच के लिए कीट ही नहीं है। जांच नहीं होने के कारण मरीजों के इलाज में काफी दिक्कत हो रही है। वहीं इमरजेंसी के दौरान मरीजों को जांच के लिए निजी लैब में जाना पड़ रहा है।

मेडिकल कॉलेज में रोजाना टाईफाइट के २० से अधिक जांच होता है, तो वहीं २५ से ३० वीडीआरएल की जांच की जाती है। प्रसव वार्ड में प्रसव के पहले सभी गर्भवती महिलाओं का वीडीआरएल जांच किया जाता है। जांच कीट नहीं होने के कारण अब मरीजों का वीडीआरएल जांच किए बिना ही प्रसव कराया जा रहा है। इससे मरीजों में होने वाले इंफेक्शन का पता ही नहीं चल पा रहा है।

लाखों के कीट हो गए एक्सपायरी
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही के चलते मरीजों को इलाज कराने काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। एक ओर हॉस्पिटल में टाईफाइट और वीडीआरएल जांच कीट नहीं है, तो दूसरी ओर लाखों के एचबीएसएजी कीट एक्सपायरी हो गए। गौरतलब है कि मेकाज के माइक्रोबायलॉजी विभाग में जमकर कमिशन का खेल चल रहा है। यहां पर खपत से अधिक एचबीएसएजी जांच कीट की खरीदी की गई।