
Festivals in August 2024 News: हिन्दू धर्म में तीज त्योहारों का बड़ा महत्व है। सावन महीने में भगवान शिव की व्रत और पूजन के साथ तीज त्योहार का सिलसिला चालू हो जाता है। अगस्त का आरंभ सावन शिवरात्रि से होगा जिसके बाद हरियाली अमावस्या के साथ तीज त्योहारों का सीजन अगले तीन महीने जारी रहेंगे।
चातुर्मास का प्रमुख त्योहार इस साल अगस्त के महीने में ही पड़ रहे हैं। अगस्त महीने में ही नाग पंचमी, रक्षाबंधन और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी जैसे प्रमुख त्योहार भी होगा। यही वजह है कि अगस्त महीने से लेकर आने वाले नवबर तक धार्मिक वातावरण और धार्मिक आयोजनों की धूम रहेगी।
श्रवण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि मनाया जाता है। साल भर में फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि और सावन मास की शिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव की विधिवत व्रत एवं पूजा से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन शनिदेव के दर्शन और शनि चालीसा पाठ करने का भी महत्व है।
4 अगस्त को सावन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाएगा है। इस दिन रुद्राभिषेक के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण व श्राद्ध कर्म किया जाता है।
हरियाली तीज सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने मायके में रहकर पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं। माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर सुख समृद्धि और पति व संतान की लंबी उम्र के लिए कामना करती है। इस दिन झूला झूलते हैं और सावन के गीत गाए जाते हैं।
9 अगस्त शुक्रवार को शिव के गण नाग देवता की पूजा कर नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा । नाग पंचमी पर मुय रूप से आठ नाग देवताओं वासुकि, ऐरावत, मणिभद्र, कालिया, धनंजय, तक्षक, कर्कोटकस्य और धृतराष्ट्र की पूजा की जाती है। इनकी पूजा करने से सर्प भय से मुक्ति मिलती है।
भाई बहन के प्यार का प्रतीक रक्षा बंधन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ऐसे में 19 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जाएगा। रक्षाबंधन पर हर साल की तरह इस साल भी कुछ घंटों के लिए भद्रा का साया रहेगा। भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए।
24 अगस्त को हल षष्ठी का व्रत व त्योहार है। इस दिन भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान हल और मूसल की पूजा की जाती है। इसलिए इसे ’हल षष्ठी’ भी कहा जाने लगा। इस दिन मांएं अपने पुत्र के अच्छे स्वास्थ, दीर्घायु और संपन्नता की कामना के लिए व्रत रखती हैं।
जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण की जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाले इस त्योहार को पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसे जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।
पुत्रदा एकादशी 15 अगस्त की सुबह 10.26 बजे से प्रारंभ होकर 16 अगस्त सुबह 9.39 बजे समाप्त होगा। उदयातिथि के अनुसार इस साल पुत्रदा एकादशी 16 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन महिलाएं अपने पुत्र की प्राप्ति व दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं।
Published on:
29 Jul 2024 01:51 pm
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