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रावघाट प्रभावित गांव के प्रमुखों ने आपसी सहमति से संघर्ष समिति द्वारा लगाएं बैरियर को पूजा पाठ करके तोड़ा

नारायणपुर। वर्षों के इंतजार के बाद आखिर में लौह अयस्क निकालने की रावघाट परियोजना का खुलने का रास्ता अब खुल गया।रावघाट प्रभावित गांव के प्रमुखों ने आपसी सहमति से संघर्ष समिति द्वारा लगाएं बैरियर को पूजा पाठ करके तोड़ा। इस दौरान सभी गांव के प्रमुख उपस्थित थे। प्रभावित गांव के सभी ग्रामीण अब चाहते हैं कि यह परियोजना चालू हो और युवाओं को रोजगार, बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी हो।

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रावघाट प्रभावित गांव के प्रमुखों ने आपसी सहमति से संघर्ष समिति द्वारा लगाएं बैरियर को पूजा पाठ करके तोड़ा

रावघाट प्रभावित गांव के प्रमुखों ने आपसी सहमति से संघर्ष समिति द्वारा लगाएं बैरियर को पूजा पाठ करके तोड़ा। इस दौरान सभी गांव के प्रमुख उपस्थित थे।

ग्रामीणों ने कहा युवाओं को रोजगार, बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में होगी बढ़ोतरी

खनन से प्रभावित व्यक्तियों और क्षेत्रों का होगा विकास

रावघाट संघर्ष समिति और प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों में अब हुआ रार

भिलाई स्टील प्लांट के लिए आक्सीजन की भूमिका निभाने वाले रावघाट परियोजना को शुरू कराना इतना आसान नहीं था, वर्षों की रणनीति एवं उचित प्रबंधन की वजह से इंजीनियरों एवं सुरक्षा बलों ने इस परियोजना को लगभग अमलीजामा पहना ही दिया। ग्रामवासियों के सपोर्ट से यह परियोजना शुरू होगी। रावघाट परियोजना को विरोध के चलते फिलहाल रोक दिया गया था। नारायणपुर क्षेत्र के खनन प्रभावित ग्रामवासियों का कहना है कि अब बैरियर तोड़ दिया गया है, बाहरी लोगों के विरोध के कारण यह परियोजना रुका हुआ था अब विरोध का सवाल ही नहीं ,हम सब एक हैं। हम नारायणपुर क्षेत्र के खनन प्रभावित ग्रामवासी इसे शुरू करवाएंगे। हमारे क्षेत्र में विकास कार्य आरंभ हो चुका है जिसके कारण बाहरी लोग तिलमिलाए हुए हैं। यह परियोजना शुरू होने से हमारे गांव तथा हमारे जिले का लाभ होगा।

नारायणपुर कहलायेगा मिनी भिलाई

दुर्ग जिले के भिलाई में स्थित भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना के साथ ही छत्तीसगढ़ सहित दुर्ग जिला एवं भिलाई का विकास शुरू हुआ। आज भिलाई में तमाम सुविधाओ के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के सारे साधन उपलब्ध है। रावघाट से नारायणपुर क्षेत्र के लोगों का भविष्य जुड़ा हुआ है, यूं कहें तो नारायणपुर भविष्य में मिनी भिलाई बन जायेगा। भिलाई स्टील प्लांट का लोहा पूरे विश्व में माना जाता है। रेल की पटरी से लेकर तमाम बड़े प्रोजेक्टों में स्टील स्ट्रक्चर्स आदि भिलाई स्टील प्लांट से निर्मित होते हैं। नारायणपुर के रावघाट से जाने वाले कच्चे माल से भिलाई स्टील प्लांट के साथ साथ अब नारायणपुर का नाम भी आएगा।


युवाओं को रोजगार, बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में होगी बढ़ोतरी

परियोजना को बेहतर जानने वालों का कहना है कि इस परियोजना के शुरू होने से युवाओं को रोजगार मिलेंगे, बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है प्रभावित क्षेत्र के लोगों और युवाओं के जीवन मे परिवर्तन आएगा। गांव का विकास होगा।