
ड्यूज बॉल क्रिकेट के लिए बस्तर में तैयार हो रहा पहला आदर्श मैदान, ये होगी खासियत
जगदलपुर. बस्तर के क्रिकेट प्रेमियों और खिलाडिय़ों के लिए बड़ी खुशखबरी है। ड्यूज बॉल के खिलाडिय़ों की लंबे समय से लंबित टर्फ विकेट की मांग जल्द पूरी होने वाली है। इसे मूर्तरूप देने के लिए काम भी शुरू हो गया है। इस काम के साथ ही हाता ग्राउंड बस्तर का पहला टर्फ मैदान बन जाएगा। निर्माण के साथ ही यह ड्यूज बॉल क्रिकेट के लिए भी यह बस्तर का पहला आदर्श मैदान बनेगा।
निगम के पीडब्लूडी विभाग के सभापति रहे और मौजूदा पार्षद यशवर्धन राव ने बताया कि मैदान में बेहतर पिच तैयार करने के लिए निगम राज्य स्तर के पिच क्यूरेटर से बात करने की तैयारी भी कर रहा है। इतना ही नहीं मैदान को नया स्वरूप देने के लिए पूरे मैदान को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। मैदान अच्छा बने इसलिए पूरे मैदान को खोदकर उसकी उपर परत को भी निकाला जाएगा। इसमें से खराब मिट्टी व गिट्टी को निकाला जाएगा। फिर पूरे मैदान को समतल किया जाएगा। इसके बाद टर्फ का निर्माण होगा।
सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक कार्यक्रमों की वजह से बिगड़ा था हाता ्मैदान
यहां खिलाड़ी समय-समय पर श्रमदान कर पिच तैयार किया। लेकिन हर बार सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए हाता मैदान को देने की वजह से इसकी हालत बिगड़ती चली गई। दो दशक से यहां हर बड़े आयोजन और कार्यक्रम होते रहे। बारिश के बीच कार्यक्रम कराने के लिए निगम व प्रशासन ने कई बार यहां लाइम स्टोन के डस्ट डलवाए। यही वजह रही पूरा मैदान बुरी तरह खराब हो गई। इसके बाद खिलाड़ी भी यहां खेलने से डरने लगे थे। यही वजह थी की हाता ग्राउंड में क्रिकेट पिछले दो साल से पूरी तरह बंद था।
मैट या सीमेंट पिच से बिल्कुल अलग है टर्फ का खेल
बस्तर में टैलेंट की कोई कमी नहीं, लेकिन यहां के खिलाड़ी बाहरी मैदान में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते तो इसके पीछे सबसे बड़ा कारण टर्फ का नहीं होना। वे सीमेंट पिच या मैट में प्रैक्टिस करते हैं। चयन होने के बाद जब वह रायपुर व बिलासपुर के खिलाडिय़ों के खिलाफ मैदान में उतरते हैं तो उन्हें टर्फ मिलती है। दोनों का खेल अलग होने की वजह से वे यहां अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते थे।
टर्फ बनने से यह है फायदे
बॉलरों को इन व आउट स्वींग कराने और सीखने में मदद मिलेगी। गेंद की गति, लेंथ पर नियंत्रण सीखने मिलेगा, बॉलर अपने कंधे का सही उपयोग के बारे में जान पाएंगे। मैट व सीमेंट पिच में अतिरिक्त उछाल मिलता है लेकिन टर्फ में बॉलरों को अतिरिक्त कंधे की ताकत का उपयोग करना पड़ेगा, पिच देखकर बॉलिंग बैटिंग के फैसले की समझ बढ़ेगी, लाइन में आकर खेलने की समझ पैदा होगी, स्पीनरों और फास्ट बॉलरों को पढऩे की समझ बढ़ेगी। . शॉर्ट पिचए बाउंसर के अलावा हर क्षेत्र में खेलने के लिए अपनी समझ विकसित कर पाएंगे, रनिंग बिटविन द विकेट की समझ बढ़ेगी।
Published on:
17 Dec 2019 05:02 pm
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