जगदलपुर

ट्रॉमा सेंटर में विशेषज्ञों की भर्ती प्रक्रिया फिर होगी शुरू, मेकाज में काम पकड़ेगी रफ्तार

- सीएमएचओ बोले भर्ती के लिए फिर से निकालेंगे आवेदन।- वेतन को लेकर भी जिला प्रशासन से चल रही बात, अतिरिक्त राशि डीएमएफटी से देने का जिला प्रशासन के पास रखेंगे प्रस्ताव अभियान का असर  

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Sep 15, 2023
ट्रॉमा सेंटर में विशेषज्ञों की भर्ती प्रक्रिया फिर होगी शुरू, मेकाज में काम पकड़ेगी रफ्तार

जगदलपुर. बस्तर जिले में अब ट्रॉमा सेंटर के पत्रिका द्वारा चलाए जा रहे अभियान के बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया है। प्रशासन का कहना है कि जिला अस्पताल में खुले ट्रॉमा सेंटर में लिंबे समय से बंद पड़ी भर्ती प्रक्रिया अब फिर से शुरू होगी। यहीं नहीं मेडिकल कॉलेज में भी निर्माणाधीन ट्रॉमा सेंटर का काम अब तेजी पकड़ेगा। दरअसल पत्रिका के अभियान के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले पर स्थानीय प्रबंधन से चर्चा की और विशेषज्ञों की भर्ती और मेकाज में सेंटर तैयार करने के काम में तेजी लाने के लिए कहा है।

सीएमएचओ आरके चतुर्वेदी ने बताया कि महारानी में जब ट्रॉमा सेंटर की शुरूआत हुई थी तब बाहर से विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती के लिए प्रयास किया गया था। लेकिन उस समय बात नहीं बन पाई थी। इसलिए फिर से भर्ती के लिए आवेदन निकाला जाएगा। इसके लिए तैयारी चल रही है। जिला प्रशासन से भी इस सबंध में चर्चा हुई है।

डीएमएफटी से अतिरिक्त रकम देने पर चल रहा विचार
बस्तर में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के पीछे का एक बड़ा कारण वेतन में कमी है। बताया जा रहा है कि जिस रकम पर ट्रॉमा सेंटर के विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए जिला प्रशासन द्वारा आवेदन निकाला जाता है उसमें कोई भी आने को तैयार नहीं है। दरअसल साढ़े ३ लाख रुपए महीने तक का आवेदन जिला प्रशासन ने जारी किया है। जबकि डॉक्टरों की मांग ५ लाख रुपए तक की बताई जाती है। ऐसे में इस बार ज्यादा वेतन के साथ आवेदन निकालने पर भी विचार चल रहा है और अतिरिक्त रकम की पुर्ति डीएमएफटी से की जाए। जिससे की सुविधा शुरू हो सके।

बस्तर संभाग में एक भी ट्रॉमा सेंटर नहीं है
मालूम हो कि बस्तर संभाग में मौजूदा दौर में एक भी ट्रॉमा सेंटर नहीं है। जबकि साल भर में यहां करीब एक हजार से अधिक सिर्फ सडक़ हादसे के मामले ही सामने आते हैं। इसमें भी २० प्रतिशत लोग अति गंभीर स्थिति में होते हैं। जिन्हें ट्रॉमा सेंटर में इलाज की सख्त जरूरत होती है। लेकिन बस्तर में इसकी सुविधा नहीं होने के चलते लोगों को या तो राजधानी, या फिर विशाखापटनम व हैदाराबाद जाना पड़ता है। कई बार इलाज के लिए जाते वक्त मरीज दम भी तोड़ देते हैं।

Published on:
15 Sept 2023 08:48 pm
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