Bastar Gocha Mahaparv: भगवान श्रीजगन्नाथ माता सुभद्रा और बलभद्र के 22 विग्रहों को श्रीमंदिर में स्थापित होने के साथ ही बस्तर गोंचा महापर्व में आज देवशयनी एकादशी की अंतिम पूजा विधान तय कार्यक्रम के अनुसार संपन्न किया जाएगा। देवशयनी एकादशी पूजा विधान के साथ ही बस्तर गोंचा महापर्व का परायण आगामी वर्ष के लिए हो जावेगा। उक्त जानकारी बस्तर गोंचा महापर्व समिति के अध्यक्ष विवेक पांडे ने दी।
360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष ईश्वर खांबारी ने बताया कि देवशयनी एकादशी, जिसे पद्म एकादशी और हरि शयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्मावलंबियों में एक महत्वपूर्ण व्रत है। ( CG Bastar News ) आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को वर्ष 2024 में, देवशयनी एकादशी 17 जुलाई बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करते हैं और चार महीने के बाद देवउठनी एकादशी तिथि में देवउठनी एकादशी पूजा विधान के साथ भगवान श्रीजगन्नाथ को उठाया जावेगा।
देवशयनी एकादशी के दिन चालीसा का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। देवशयनी एकादशी के दिन श्रीविष्णु चालीसा, श्रीहनुमान चालीसा और श्रीगणेश चालीसा का पाठ करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।
Updated on:
17 Jul 2024 01:51 pm
Published on:
17 Jul 2024 01:49 pm