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बस्तर पहुंचे सैलानियों को बस्तर दशहरा के इतिहास व धरोहर की दी जानकारी, लोगों ने सराहा

- इंडिया हेरिटेज ट्रेल में पहुंचे लोगों को दी जानकारी

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बस्तर पहुंचे सैलानियों को बस्तर दशहरा के इतिहास व धरोहर की दी जानकारी, लोगों ने सराहा

बस्तर पहुंचे सैलानियों को बस्तर दशहरा के इतिहास व धरोहर की दी जानकारी, लोगों ने सराहा

जगदलपुर. में बस्तर दशहरा से जुड़े इतिहास व धरोहर से अवगत कराने इंडिया हेरिटेज वॉक के साथ मिलकर अनएक्सप्लोर्ड बस्तर ने हेरिटेज ट्रेल करवाया। रविवार दिनांक 23 फरवरी को अनएक्सप्लोर्ड बस्तर के जीत सिंह आर्य ने हेरिटेज ट्रेल में पहुंचे लोगों को बस्तर दशहरा के इतिहास के सबंध में जानकारी दी।

जीत सिंह आर्य ने बताया कि बस्तर के इतिहास के कई पहलु की जानकारी लोगों को नहीं है। 75 दिनों तक बनाया जाने वाला विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा में हर जनजाति के कार्य निर्धारित होते हैं। माता मावली, देवी दंतेश्वरी, राज परिवार जैसे कई इतिहास से जुड़ी अन्य जानकारियां जो बस्तर दशहरा को अलग बनाती है लोगों से साझा की गई। बस्तर दशहरा के रस्म जैसे पाटजात्रा, काछनगादी, निशा जात्रा, मावली परघाव, भीतर रैनी, बाहर रैनी से जुड़ी लोक कथाएं भी साझा की गई। ज्ञात हो कि इंडिया हेरिटेज वॉक साहापिडिया नामक एक संस्था का हिस्सा है जो देश की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने हर संभव प्रयास कर रहा है। जगदलपुर हेरिटेज ट्रेल में शामिल हुए नीरज मानिकपुरी, साहिल, मेघा यादव, कल्याणी, श्रेया, रजत, शिवम, विशाल, जोशुआ, हर्ष सारी जानकारियों से काफी प्रभावित हुए।

लोगों ने कहा बस्तर जैसी खूबसूरती कहीं नहीं

इस दौरान यहां पहुंचे फोटोग्राफर विशाल ने कहा कि फोटोग्राफी के साथ-साथ ऐसे तथ्यों का पता होना काफी आवश्यक है। वहीं कल्याणी ने लोक कथाओं को अपने फेस आर्ट कला के द्वारा जाहिर करने की इच्छा रखी। साहिल ने बस्तर इतिहास को और जानने ऐसे हेरिटेज ट्रेल का आयोजन आगे भी करने को कहा। यहां पहुंचे अन्य लोगों ने कहा कि वे कई जगह जा चुकें है लेकिन बस्तर का इतिहास, यहां की कथाएं और यहां की खूबसूरती उन्होंने कहीं नहीं देखी। यही इसकी असली पहचान होनी चाहिए